प्रतापगढ़ जिले के चार बच्चों का इंस्पायर अवार्ड में चयन
पूर्व माध्यमिक विद्यालय मरुआन के दो बाल विज्ञानी प्रिंस और पुनीत कुमार पाल का चयन इंस्पायर मानक अवॉर्ड में हुआ है। इन्हें दस-दस हजार की स्कॉलरशिप मिलेगी जो इनके खाते में सीधे भेजी जाएगी। प्रिंस यादव कक्षा सात का छात्र है। पुनीत कक्षा आठ का छात्र है।
प्रयागराज, जेएनएन। केंद्र सरकार के मानक इंस्पायर अवार्ड के लिए यूपी में प्रतापगढ़ जिले के चार बच्चों का चयन हुआ है। इनमें से दो बच्चे पूर्व माध्यमिक विद्यालय मरुआन के हैं तथा दो जवाहर नवोदय विद्यालय नरायनपुर के। पूर्व माध्यमिक विद्यालय मरुआन की मनीषा का चयन गत वर्ष इंस्पायर अवार्ड में हुआ था। इस स्कूल के बच्चों को मिली दूसरी बार की सफलता से बेसिक शिक्षा विभाग गौरवान्वित है।
छात्रों के प्रोजेक्ट चयनित होने पर बीएसए ने जताई खुशी
पूर्व माध्यमिक विद्यालय मरुआन के दो बाल विज्ञानी प्रिंस और पुनीत कुमार पाल का चयन इंस्पायर मानक अवॉर्ड में हुआ है। इन्हें दस-दस हजार की स्कॉलरशिप मिलेगी, जो इनके खाते में सीधे भेजी जाएगी। प्रिंस यादव कक्षा सात का छात्र है। पुनीत कक्षा आठ का छात्र है। बेसिक से केवल पूर्व माध्यमिक विद्यालय मरुआन के ही दो प्रोजेक्ट चयनित होने पर बीएसए अशोक कुमार सिंह व सहायक वित्त लेखाधिकारी आरएन तिवारी ने खुशी का इजहार किया है। इसी प्रकार जवाहर नवोदय विद्यालय के कक्षा आठ के छात्र सुनील सरोज व नमन उपाध्याय का भी चयन इंस्पायर अवार्ड के लिए हुआ है। प्रधानाचार्य पीके सक्सेना व विज्ञान शिक्षक अनिल उपाध्याय ने बताया कि नमन ने सेंसटिव चेयर फार स्टूडेंट बनाया है। ताकि बच्चे दिन-रात पढ़ाई करें, उनका ध्यान न बंटे। नमन आगे चलकर इंजीनियर बनने का लक्ष्य रखा है। सुनील सरोज ने अत्याधुनिक सैनिटाइज मशीन का मॉडल बनाया था। वह भी आगे चलकर इंजीनियर बनना चाहता है।
कोरोना संकट से सूझा अनोखी साइकिल का आइडिया
प्रिंस ने ने लॉकडाउन में मजदूरों के दूर-दूर से साइकिल पर यात्रा करने की खबर को संवेदनशीलता से लेते हुए एक साइकिल फॉर माइग्रेट्स का आइडिया भेजा था। इस साइकिल की खास बात यह है कि इसमें बैठने के लिए सीट सपोर्ट दिया है, जिसे कैरियर, बैकसीट, पोर्टेबल बैक सपोर्ट के रूप में रूपांतरित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त साइकिल के पहिये में लोहे की दो प्लेट इस तरह से लगती है, जो न्यूटन के सिद्धांत पर कार्य करती है और कम बल लगने पर भी लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं।
बार-बार चेहरा छूने पर आगाह करता है डीटीएफ गैजेट
कक्षा आठ के छात्र पुनीत कुमार पाल ने डीटीएफ (डोंट टच फेस)गैजेट का निर्माण किया है, जो किसी भी घड़ी, कंगन में आसानी से फिट हो सकता है। यदि आप अपने चेहरे, मास्क को बार बार छूते हैं तो उसमे लगा सेंसर व्यक्ति को आगाह कर देता है। दोनों ही प्रोजेक्ट पर कार्य मार्गदर्शिका स्कूल की विज्ञान शिक्षिका रश्मि मिश्रा के निर्देशन में किया गया। जागरण से बातचीत में इन दोनों बच्चों ने आगे चलकर वैज्ञानिक बनने की बात कही।
क्या है इंस्पायर अवार्ड
इंस्पायर मानक अवॉर्ड केंद्र सरकार की एक स्कीम है। जो विज्ञान और अन्वेषण कार्यों के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करती है। इसी स्कीम के तहत ऑनलाइन राइट अप, अपना आइडिया इंस्पायर मानक अवॉर्ड की वेबसाइट पर विद्यालय द्वारा साझा करना होता है। वैज्ञानिकों और विद्वानों द्वारा आपके प्रोजेक्ट और मॉडल की जांच की जाती है, और चयनित प्रोजेक्ट के लिए स्कॉलरशिप के रूप में दस हजार की धनराशि बच्चों के अकाउंट में डाली जाती है।