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आठ माह से जेल में बंद UPPSC की पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को हाई कोर्ट से मिली जमानत

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की जमानत मंजूर कर ली है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 07:20 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 08:33 AM (IST)
आठ माह से जेल में बंद UPPSC की पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को हाई कोर्ट से मिली जमानत
आठ माह से जेल में बंद UPPSC की पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को हाई कोर्ट से मिली जमानत

प्रयागराज, जेएनएन। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPPSC) की पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजू कटियार को बड़ी राहत मिली है। उनकी जमानत इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आखिर आठ माह बाद मंजूर कर ली है।

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हाई कोर्ट ने कहा है कि मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। सरकार ने अभियोग चलाने की अनुमति भी दे दी है। पेपर लीक के आरोप में सजा व अन्य मुद्दों पर विचार करते हुए कोर्ट ने एक लाख के मुचलके व दो प्रतिभूतियों पर कुछ शर्तों के साथ रिहा करने का आदेश दिया है। साथ ही एक वर्ष के अंदर मुकदमे की सुनवाई पूरी करने का भी आदेश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने दिया है। एलटी ग्रेड सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2018 का हिंदी व सामाजिक विज्ञान विषय का पेपर लीक होने के आरोप में डॉ. अंजू कटियार 30 मई 2019 से जेल में बंद हैं। उप्र लोकसेवा आयोग की ओर से आयोजित उक्त परीक्षा का पेपर वाराणसी में लीक हुआ था। पेपर लीक प्रकरण की जांच वाराणसी एसटीएफ कर रही है। कोर्ट ने याची को हलफनामा दाखिल कर वचन देने को कहा कि वह अनावश्यक रूप से मुकदमे की सुनवाई स्थगित नहीं करेंगी। साथ ही हर तारीख पर स्वयं या वकील के मार्फत हाजिर रहेंगी।

बता दें कि यूपीपीएससी ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 में 15 विषयों की परीक्षा कराई थी। इस परीक्षा में लगभग साढ़े सात लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। 29 जुलाई, 2018 को यूपी के 37 जिलों में हुई इस परीक्षा में साढ़े तीन लाख के लगभग अभ्यर्थी शामिल हुए थे। आयोग ने सात विषयों (संगीत, उर्दू, गृह विज्ञान, शारीरिक शिक्षा, कृषि, वाणिज्य व संस्कृत) का परिणाम घोषित किया, जिसमें 1347 के लगभग सफल हुए थे, जबकि अंग्रेजी, कला, गणित, विज्ञान, जीव विज्ञान, हिंदी, सामाजिक विज्ञान व कंप्यूटर विषय का परिणाम आना बाकी है।

इसी बीच परीक्षा का पेपर लीक होने का राजफाश हुआ। पुलिस ने इसमें पेपर छापने वाले कोलकाता के प्रेस मालिक कौशिक कुमार को गिरफ्तार किया था। कौशिक के बयान के आधार पर आयोग की पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार सहित नौ लोगों के खिलाफ वाराणसी के चोलापुर थाना में 20 मई, 2019 को नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई। पेपर लीक मामले की तह तक जाने के लिए जांच एसटीएफ को सौंपी गई।

एसटीएफ ने 28 मई, 2019 की रात प्रयागराज स्थित यूपीपीएससी में दस्तक देकर छानबीन शुरू कर दिया। फिर 30 मई, 2019 को डॉ. अंजू कटियार को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम वाराणसी की कोर्ट से 6 जून, 2019 को जमानत अर्जी खारिज होने के बाद पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण ली थी, लेकिन वहां से भी जमानत याचिका नामंजूर हो गई थी।


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