Move to Jagran APP

Allahabad High Court: भतीजी की शादी में शामिल होना मुश्किल, पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

अर्जी में कहा गया था कि परिवार की सदस्य की शादी में शामिल होने के लिए 13 मई को एक आपराधिक अपील में याची को अदालत द्वारा पेरोल मंजूर किया गया है। इसके बावजूद जेल अधिकारी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मामला लंबित होने के कारण रिहा नहीं कर रहे हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 09:41 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 09:41 PM (IST)
Allahabad High Court: भतीजी की शादी में शामिल होना मुश्किल, पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
कोर्ट ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले मेंअग्रिम जमानत अर्जी सोमवार को खारिज कर दी

प्रयागराज, जेएनएन। पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया को भतीजी के विवाह में शामिल होने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने कौशांबी के मंझनपुर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी सोमवार को खारिज कर दी। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि प्रार्थी ने प्रश्नगत मामले में नियमित जमानत के लिए अर्जी दी है। साथ ही वह न्यायिक हिरासत में है, उस पर बी  वारंट का तामीला भी हो चुका है। यदि किसी मामले में न्यायालय से पेरोल के निर्देश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है, तो यह संभवत: अग्रिम जमानत देने का आधार नहीं बन सकता। यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने अर्जी खारिज करते हुए दिया है।

prime article banner

कौशांबी में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज है मामला

अर्जी में कहा गया था कि परिवार की सदस्य की शादी में शामिल होने के लिए 13 मई को एक आपराधिक अपील में याची को अदालत द्वारा पेरोल मंजूर किया गया है। इसके बावजूद जेल अधिकारी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मामला लंबित होने के कारण रिहा नहीं कर रहे हैं।  हाई कोर्ट ने 13 मई को पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, पूर्व विधायक उदयभान करवरिया और पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया की पेरोल मंजूर की थी। जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित की हत्या के आरोप में तीनों भाइयों को उम्रकैद की सजा हुई है। सूरजभान की बेटी के विवाह में शामिल होने के लिए तीनों की पेरोल मंजूर हुई थी। आदेश के बाद उदयभान और सूरजभान को नैनी सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया, लेकिन मंझनपुर थाने में दर्ज मामले में जमानत न होने के कारण कपिलमुनि की रिहाई नहीं हो सकी। यह प्रकरण वर्ष 2004-2009 के दौरान जिला पंचायत में नियुक्तियों का है, तब कपिलमुनि कौशांबी के जिला पंचायत अध्यक्ष थे। वर्ष 2019 में कपिलमुनि करवरिया व मधु वाचस्पति सहित चार लोगों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1)डी/12) और आइपीसी की धारा 120-बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। इसे निचली अदालत ने संज्ञान भी ले लिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.