पूर्व विधायक अशरफ लंबी फरारी काटने के बाद सर्विलांस के जाल में फंसा Prayagraj News
अपनेे बड़े भाई पूर्व सांसद अतीक अहमद की छत्रछाया में अशरफ ने भी दो दशक पहले ही दबंगई और गुंडई के बूते जमीन के धंधे में दखल शुरू कर दी थी।
प्रयागराज,जेएनएन। माफिया अतीक अहमद के भाई पूर्व विधायक अशरफ की गिरफ्तारी से पुलिस की तीन साल से भी ज्यादा वक्त से चल रही तलाश पूरी हो गई है। अशरफ के लोगों के बीच चर्चा रही है कि वह गिरफ्तारी और सरेंडर नहीं करेगा, भले ही कितने भी साल फरारी काटनी पड़े। मगर आखिरकार क्राइम ब्रांच की मुखबिरी और सर्विलांस के जाल में शातिर पूर्व विधायक फंस ही गया।
भाई की छत्रछाया में दबंगई से जमीन के धंधे में शुरू कर दी दखल
अपनेे बड़े भाई पूर्व सांसद अतीक अहमद की छत्रछाया में अशरफ ने भी दो दशक पहले ही दबंगई और गुंडई के बूते जमीन के धंधे में दखल शुरू कर दी थी। रंगदारी भी वसूली करता रहा। भाई की तरह उसने भी नेतागिरी शुरू कर दी।
पूर्व विधायक राजूपाल हत्याकांड में है आरोपित
अतीक के सांसद चुने जाने के बाद उसने 2004 मेें शहर पश्चिमी सीट से विधायक बनना चाहा मगर राजू पाल के चलते उसका सपना पूरा नहीं हो सका था। आरोप है कि इसी वजह से अशरफ ने बड़े भाई अतीक के साथ साजिश रचकर बसपा विधायक राजू पाल को 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े सुलेमसरांय में जीटी रोड पर शूटरों के साथ घेरकर गोलियों से छलनी कर दिया था। राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने अतीक और अशरफ समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखाया था। अशरफ तीसरे रोज लखनऊ में पकड़ा गया था। उपचुनाव में उसने जेल में रहते वह विधायक बन गया। फिर जमानत पर रिहा हुआ तो गुंडागर्दी शुरू कर दी। राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल समेत कई गवाहों को बंधक बनाकर धमकाने में उसके खिलाफ मुकदमे लिखे गए। 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में पूजा पाल से हारने के बाद अतीक समेत अशरफ फरार हो गया। उन दोनों के खिलाफ गवाहों को धमकाने के कई मुकदमे लिखे गए। अतीक तो साल भर बाद दिल्ली में गिरफ्तार हो गए मगर अशरफ चार साल तक पुलिस और एसटीएफ के लिए छलावा बना रहा। आखिरकार वह 2011 में नोएडा के कासना इलाके में एक अस्पताल के गेट पर एसटीएफ के हत्थे चढ़ा। हालांकि अंदर की बात यही रही कि अशरफ ने खुद को गिरफ्तार कराया था।
ससुराल से भी मुखबिरी
2017 में यूपी में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुकदमे दर्ज होते ही अशरफ फरार हो गया था। पहले तो उसके राज्य से बाहर भागने की खबर थी। फिर अशरफ के पूरामुुफ्ती में हटवा स्थित ससुराल आने की भनक पुलिस को मिलने लगी थी। पिछले महीने पुलिस ने कई बार हटवा स्थित ससुराल में छापेमारी की। साथ ही वहां अपने मुखबिर लगाने के साथ ही कई मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगा दिए। उसके साले समेत कई अन्य को भी गिरफ्तार किया गया था। पुलिस सूत्रों का तो यही बताना है कि अशरफ को हटवा से मिली मुखबिरी के आधार पर ही पकड़ा जा सका है।
भतीजा उमर है फरार
तीन साल से ज्यादा फरारी काटने के बाद अशरफ भी सलाखों के पीछे पहुंच गया है। उसके भाई अतीक तो तीन साल से जेल में हैं। वह फिलहाल अहमदाबाद जेल में बंद हैं। अशरफ का भतीजा यानी अतीक का पुत्र उमर भी फरार है। उसे देवरिया जेल कांड में सीबीआइ खोज रही है। उसकी गिरफ्तारी पर दो लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है।
टीम को मिलेगा प्रशस्ति पत्र
अशरफ की गिरफ्तारी में सीओ सिविल लाइंस बृजनारायण सिंह, सर्विलांस प्रभारी व थानाध्यक्ष शाहगंज बृजेश सिंह, इंस्पेक्टर धूमनगंज शमशेर बहादुर, इंस्पेक्टर खुल्दाबाद विनीत सिंह, एसओजी के सिपाही विनोद सिंह, विजय श्रीवास्तव, सुनील यादव, रवींद्र सिंह, आलोक मिश्रा, नीतेश मिश्रा, अवनीश कुमार, दीपक सिंह, बालगोविंद पांडेय और शशिप्रकाश की अहम भूमिका रही। एडीजी ने एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा, एसपी सिटी दिनेश सिंह समेत अन्य की सराहना करते हुए कहा कि सभी को प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
हर महीने लुक बदल देता था अशरफ
फरारी के दौरान पूर्व विधायक अशरफ हर महीने अपना लुक बदल देता था। वह कभी दाढ़ी बढ़ाकर और चोटी रखकर पंजाबी बन जाता तो कभी क्लीन सेव कर देता था। ताकि पकड़ में न आ सके। लॉकडाउन के दौरान ही वह यहां आया। इससे पहले दिल्ली के अपने फ्लैट, मुंबई और मेरठ में एक कथित डॉक्टर के घर भी शरण ली थी।
धूमनगंज से पकडा गया
एक लाख के इनामी बाहुबली सांसद अतीक अहमद के भाई पूर्व सपा विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है। माफिया व पूर्व सांसद अतीक अहमद के भाई अशरफ पर अलग-अलग थानों में दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने अशरफ पर एक लाख का इनाम घोषित किया था। वह तीन वर्षों से फरार था। पुलिस ने उसे धूमनगंज में शिवाला मार्केट के पास से एक रिश्तेदार के घर से निकलकर भागते समय दबोचा लिया। उसके पास से एक पिस्टल, छह कारतूस, फारच्युनर कार, दो निर्वाचन पहचान पत्र, डाइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आठ हजार नौ सौ नब्बे रुपये नकद बरामद हुआ है।