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पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा-गंभीर रोगों से मुक्ति दिलाता है आयुर्वेद Prayagraj News

दीर्घायुष्य के लिए आयुर्वेद विषय पर आयोजित संगोष्‍ठी में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्‍यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने आयुर्वेद की महत्‍ता बताई। आयुर्वेद चिकित्‍सक भी सम्‍मानित हुए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 11:04 AM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 03:26 PM (IST)
पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा-गंभीर रोगों से मुक्ति दिलाता है आयुर्वेद Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। आयुर्वेद महज रोगों से मुक्तिका साधन ही नहीं है, बल्कि यह रोगों से बचाव का भी उत्कृष्ट उपाय है। यह एक आदर्श जीवनशैली है जो विभिन्न गंभीर रोगों से मुक्ति दिलाता है। यह बातें पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी ने कही। वह सिविल लाइंस स्थित एक होटल में चतुर्थ राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे।

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'दीर्घायुष्य के लिए आयुर्वेद' विषय पर वक्ताओं ने आयुर्वेद अपनाने की अपील

विश्व आयुर्वेद मिशन व विश्व आयुर्वेद परिषद की ओर से धन्वंतरि जयंती पर यह आयोजन किया गया था। 'दीर्घायुष्य के लिए आयुर्वेद' विषय पर आयोजित संगोष्‍ठी में वक्ताओं ने आयुर्वेद की महत्‍ता पर प्रकाश डाला। परिषद के अध्यक्ष प्रो. जीएस ने कहा कि आयुर्वेद का प्राथमिक प्रयोजन ही स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना है। डॉ. सुधांशु उपाध्याय, डॉ. पीएस पांडेय ने भी विचार रखे। सर्वदेव उपाध्याय ने आयुर्वेद को वैदिक काल की चिकित्सा विधा बताया। पूर्व राज्यपाल ने डॉ. जीएस तोमर द्वारा  संपादित 'स्ट्रैंग्थ ऑफ आयुर्वेदÓ नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। अध्यक्षता पूर्व प्रचार्य सर्वदेव उपाध्याय ने की।

इन विभूतियों को किया गया सम्मानित

इस मौके पर डॉ. जीएस तोमर को आयुर्वेद शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड व डॉ. पीएस पांडेय को चिकित्सा श्री अवार्ड, डॉ. एसएस उपाध्याय को एप्रीसिएसन अवार्ड, डॉ. एमडी दुबे को वैद्यरत्न अवार्ड तथा डॉ. राकेश कुमार सिंह, विष्णु बली मिश्रा, डॉ सर्वांश मालवीय, डॉ. रंजना सिंह, डॉ सत्यप्रकाश गुप्ता, वैद्य राकेश, डॉ अनुपम श्रीवास्तव तथा राजेंद्र कुमार सिंह को सम्मानित किया गया।

जीवन में त्याग, तपस्या का आधार है आयुर्वेद

भगवान धन्वंतरि के प्राकट्य अवसर पर भारत भाग्य विधाता और महर्षि भारद्वाज प्राकृतिक चिकित्सा, उपचार व शोध संस्थान ने संयुक्त रूप से 'आयुर्वेद : मानव के लिए वरदान' विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सिविल लाइंस स्थित भारत भाग्य विधाता भवन में इसका आयोजन हुआ। आचार्य वीरेंद्र ने बताया कि जीवन में त्याग और तपस्या का आधार भी आयुर्वेद ही है। मुख्य अतिथि अजय शर्मा ने कहा कि वे अपने संस्थान के कर्मचारियों को आयुर्वेद के अनुरूप जीवन जीने का प्रोत्साहन और प्रशिक्षण दिलवाते हैं। डॉ नरेंद्र पाल ने कहा कि समुद्र मंथन जैसी प्रक्रिया से ही धन्वंतरी जैसी महत्ता प्राप्त होगी।


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