कूलर के लिए अब छात्रों को नहीं देना होगा 1500 रुपये
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी कुलपति से मिले। उन्होंने मांग की है कि उनसे छात्रावास में कूलर के लिए हर 15 सौ रुपये बिजली का बिल लिया जाता है।
By Edited By: Published: Fri, 03 May 2019 07:20 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 11:03 AM (IST)
प्रयागराज : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हास्टल के छात्रों को अब कूलर के लिए 1500 रुपये नहीं देने होंगे। इविवि के छात्रों की मांग पर कुलपति ने उन्हें ऐसा आश्वासन दिया है।
छात्रों ने कुलपति से मुलाकात की
कई छात्रों ने कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू से मुलाकात की। कुलपति से मिलने गए छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रावास के हर छात्र से बिजली बिल के मद में पहले ही आठ हजार रुपये लेता है। छात्रावास में नामांकन के समय जब छात्र 10 माह के लिए आठ हजार रुपये देते ही हैं तो ऐसे में कूलर के लिए अलग से भुगतान उचित नहीं है।
छात्रों ने पारिवारिक व आर्थिक हालात का भी दिया हवाला
कई छात्रों ने पारिवारिक और आर्थिक स्थिति का भी हवाला दिया कि वे प्रति माह 1500 रुपये देने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में भीषण गर्मी में उनके लिए छात्रावास में रहना मुश्किल हो गया है। कुलपति ने छात्रों की बात सुनने के बाद उन्हें आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय कूलर के लिए किसी छात्र से 1500 रुपये प्रति माह नहीं लेगा।
कई छात्रावासों का बिजली बिल लाखों में है बकाया
दरअसल, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में कूलर और हीटर का प्रयोग एक बड़ी समस्या है। छात्रावास में कूलर और हीटर से जितनी बिजली खपत होती है वह छात्रों द्वारा ही की जाती है। इसी कारण कई छात्रावासों का बिजली बिल लाखों में आज भी बकाया है। संभावना है कि 1500 रुपये प्रति माह की प्रस्तावित राशि की जगह छात्रावास के छात्रों से 300 या 400 रुपये मासिक शुल्क लिया जाए। इससे छात्रों को काफी राहत मिलेगी। छात्रों ने कुलपति से मांग की है कि उनसे कूलर के लिए अतिरिक्त बिजली शुल्क न लिया जाए। कुलपति से मिलने वाले छात्रों में सौरभ मिश्र, शाश्वत शुक्ल, कुंवर साहब सिंह, साकेत दुबे, जैनेंद्र यादव, सौरभ मिश्रा समेत बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।
छात्रों ने कुलपति से मुलाकात की
कई छात्रों ने कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू से मुलाकात की। कुलपति से मिलने गए छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रावास के हर छात्र से बिजली बिल के मद में पहले ही आठ हजार रुपये लेता है। छात्रावास में नामांकन के समय जब छात्र 10 माह के लिए आठ हजार रुपये देते ही हैं तो ऐसे में कूलर के लिए अलग से भुगतान उचित नहीं है।
छात्रों ने पारिवारिक व आर्थिक हालात का भी दिया हवाला
कई छात्रों ने पारिवारिक और आर्थिक स्थिति का भी हवाला दिया कि वे प्रति माह 1500 रुपये देने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में भीषण गर्मी में उनके लिए छात्रावास में रहना मुश्किल हो गया है। कुलपति ने छात्रों की बात सुनने के बाद उन्हें आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय कूलर के लिए किसी छात्र से 1500 रुपये प्रति माह नहीं लेगा।
कई छात्रावासों का बिजली बिल लाखों में है बकाया
दरअसल, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में कूलर और हीटर का प्रयोग एक बड़ी समस्या है। छात्रावास में कूलर और हीटर से जितनी बिजली खपत होती है वह छात्रों द्वारा ही की जाती है। इसी कारण कई छात्रावासों का बिजली बिल लाखों में आज भी बकाया है। संभावना है कि 1500 रुपये प्रति माह की प्रस्तावित राशि की जगह छात्रावास के छात्रों से 300 या 400 रुपये मासिक शुल्क लिया जाए। इससे छात्रों को काफी राहत मिलेगी। छात्रों ने कुलपति से मांग की है कि उनसे कूलर के लिए अतिरिक्त बिजली शुल्क न लिया जाए। कुलपति से मिलने वाले छात्रों में सौरभ मिश्र, शाश्वत शुक्ल, कुंवर साहब सिंह, साकेत दुबे, जैनेंद्र यादव, सौरभ मिश्रा समेत बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें