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कोरोना कर्फ्यू में हर व्यक्ति तक रोटी पहुंचाने में जुटे हैं प्रयागराज में आरएएस के 150 स्वयंसेवक

जो बंदी घोषित है उसमें किसी को भोजन का संकट न हो उसके लिए भी प्रयास हो रहा है। हर उस जगह संगठन के स्वयं सेवक भोजन के पैकेट लेकर पहुंच रहे हैं जहां संभावना है कि लोगों को भोजन की जरूरत है। दोनों वक्त भोजन बनवाया जा रहा है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 10:36 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 10:36 AM (IST)
कोरोना कर्फ्यू में हर व्यक्ति तक रोटी पहुंचाने में जुटे हैं प्रयागराज में आरएएस के 150 स्वयंसेवक
जरूरतमंदों तक भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं। इस कार्य में 150 से अधिक स्वयंसेवक लगे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सेवा प्रभाग जन सेवा के संकल्प को पूरा करने में जुटा है। महामारी में कोई व्यक्ति भूखे पेट न सोए इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इसके लिए संगठन की ओर से जरूरतमंदों तक भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं। इस कार्य में 150 से अधिक स्वयंसेवक लगे हैं।

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जहां दिखे जरूरतमंद, वहां पहुंचा रहे खाने के पैकेट

महानगर अध्यक्ष पवन त्रिपाठी ने बताया कि सेवा प्रभाग की ओर से स्वरूपरानी अस्पताल के पास आश्रय स्थल खोला गया है। इसमें कोरोना मरीजों के तीमारदारों को ठहरने की व्यवस्था दी गई है। उन्हें दोनों समय भोजन भी दिया जा रहा है। समूची व्यवस्था निश्शुल्क है। इसके अतिरिक्त इन दिनों जो बंदी घोषित है, उसमें किसी को भोजन का संकट न हो उसके लिए भी प्रयास हो रहा है। हर उस जगह संगठन के स्वयं सेवक भोजन के पैकेट लेकर पहुंच रहे हैं जहां संभावना है कि लोगों को भोजन की जरूरत है। इसके लिए संगठन की ओर से दोनों मीटिंग भोजन बनवाया जा रहा है। प्रतिदिन करीब एक हजार लोगों को खाने के पैकेट भी दिए जा रहे हैं। इस बात की कोशिश हो रही है कि सेवा कार्य में कोविड-19 से बचाव संबंधी सभी निर्देशों का पालन किया जाए। 

मंदिरों व बस स्टैंड के आसपास बांट रहे पैकेट

महानगर अध्यक्ष ने बताया कि मंदिरों के पास रहने वाले जरूरतमंदों व अन्य श्रमिक वर्ग के लोग जिनका काम धंधा ठप हो गया है उन्हें भी भोजन दिया जा रहा है। कुछ इलाकों में कोरोना संक्रमित मरीजों को घर में भी भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस योजना में उन परिवारों की भी मदद हो रही है जिनके यहां सभी लोग संक्रमित हो चुके हैं। या कुछ लोग संक्रमित नहीं हैं लेकिन उनके समक्ष भोजन का संकट है।


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