गंगा-यमुना में बाढ़ : पहली मंजिल डूबने पर बढ़ेगी परेशानी, सैकड़ों परिवारों पर संकट Praragraj News
गंगा-यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर से शहर के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों पर संकट के बादल हैं। वह घरों में कैद होकर रह गए हैं। रास्तों पर पानी भर गया है तो नाव की किल्लत है।
प्रयागराज, जेएनएन। गंगा और यमुना नदियों के बाढ़ से शहर के कछारी इलाके के हालात बदतर हो गए हैं। दाना-पानी तो दूर अब लोगों को जान बचाने के लाले पड़ गए हैं। नदियों का जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है, उससे तो यही प्रतीत हो रहा है कि जल्द ही लोगों के मकानों की पहली मंजिल डूब जाएगी। जो मकान ज्यादा निचले इलाके में बने थे, वहां तो करीब-करीब पहली मंजिल डूब ही गई है।
नाव की किल्लत से सामान सुरक्षित स्थानों पर नहीं ले पा रहे
छतों पर पॉलीथिन के सहारे सामान ढककर रखे लोगों के सामने सुरक्षित स्थानों पर जाने की समस्या आ खड़ी हुई है। उनकी राह मे सबसे बड़ी बाधा बनी है नाव की किल्लत। चांदपुर सलोरी, बघाड़ा में कई सैकड़ों मकान ऐसे हैं जिनकी पहली मंजिल डूबने की कगार पर है। लोगों ने छत पर ही डेरा डाल रखा है। सामान भी छत पर है।
बारिश हुई तो दिक्कत बढ़ेगी
लोगों में सबसे ज्यादा डर बरसात को लेकर है। अगर भारी बारिश होती है तो फिर उनकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि करें क्या। उन्हें किसी अनहोनी का भय सता रहा है। कुछ लोग तो मुहल्ले में जल पुलिस की तैनाती की मांग भी कर रहे हैं। पुरनियों की मानें तो गंगा की रफ्तार ऐसे ही बढ़ती रही तो एक दो दिन में 2013 व 2016 का रिकार्ड तोड़ देगी।
गंदे नालों के पानी से दहशत
बाढ़ के बीच नालों का पानी भी मुसीबत बना हुआ है। मुहल्लों की गलियों में बाढ़ के साथ घुसे नालों के पानी से उठती दुर्गंध ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इसके चलते संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ चला है। बाढ़ के पानी के साथ गलियों में जलकुंभी का का जमाव हो गया है। हर तरफ गंदगी बजबजा रही है।