Ganga-Yamuna : सिर्फ डेढ़ मीटर जलस्तर बढ़ा तो बांध के लेटे हनुमान मंदिर में प्रवेश कर जाएगा
प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। अक्षयवट रोड पर पानी पहुंच चुका है। हरिहर आरती समिति मार्ग जलमग्न है। बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर के निकट पानी पहुंच रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। कानपुर बैराज से पानी छोड़ने के कारण जलस्तर में अभी बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद भी है। फिलहाल बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर के निकट तक पानी पहुंच चुका है। बढ़ने की स्पीड जारी रही तो गंगा का पानी हनुमान मंदिर में पहुंच जाएगा। यह प्रयागराज के लोगों के लिए आस्था का केंद्र भी रहता है।
हर वर्ष गंगा के पानी से हनुमान जी का होता है स्नान
गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। महज डेढ़ मीटर अगर गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई तो पानी बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर में प्रवेश कर जाएगा। ऐसी मान्यता भी है कि हर वर्ष गंगा का जल हनुमान जी को नहलाने के लिए मंदिर में प्रवेश करता है। वहीं जलस्तर बढऩे से अक्षयवट और हरिहर आरती समिति मार्ग जलमग्न हो गया है। वहां से तख्त आदि सामान को हटाने में जुटे रहे।
कछारी इलाके में लोग जरूरी सामान समेट रहे
गंगा-यमुना के जलस्तर में गुरुवार को तेजी से बढ़ोतरी हाे रही है। नैनी, छतनाग में 56 सेंटीमीटर और फाफामऊ में 22 सेंटीमीटर पानी बढ़ा है। दोनों नदियों में तेजी से बढ़ते जलस्तर के कारण तटीय इलाके के लोगों में खलबली मच गई है। बघाड़ा, सलोरी, राजापुर, बेली कछार मुहल्ले के लोगों ने अपने जरूरी सामानों को समेटना शुरू कर दिया है। किराए पर रहने वाले कमरा खाली करने की तैयारी में हैं। वहीं सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार का कहना है कि कानपुर बैराज से पानी छोडऩे की वजह से जलस्तर में अभी बढ़ोतरी जारी रहेगी।
प्रयागराज में जलस्तर
नैनी : 79.16 मीटर
छतनाग : 78.58 मीटर
फाफामऊ : 79.88 मीटर
खतरे का निशान : 84:73
बांध के नीचे दुकानों को हटवाया गया
गंगा-यमुना के लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बंधवा स्थित लेटे हनुमान मंदिर के आसपास की दुकानों को भी हटवा दिया गया है। वहीं बाढ़ राहत दल यमुना के सरस्वती घाट, बलुआघाट, ककरहा घाट और गंगा के निचले इलाकों और कछारी क्षेत्रों में निरीक्षण करके वहां की स्थितियों पर नजर रखे हैं। बाढ़ से बचाव की तैयारियां भी हैं। 92 बाढ़ चौकी बनाई गई है। सबसे ज्यादा बाढ़ चौकी सदर तहसील क्षेत्र में 21 है। जिले भर में 135 राहत केंद्र बनाए गए हैं। अमूमन हर साल 655 गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं।