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दीपावली पर पटाखे ने शहर में दो परिवारों की छीन ली थीं खुशियां Prayagraj news

नौ साल का राजू दीपावली के दिन कूड़े के ढेर से पटाखा बीन रहा था कि तभी एक पटाखा दग गया। इससे कूड़े के ढेर में आग लग गई थी और इसकी चपेट में राजू आ गया था। गंभीर रूप से जलने के कारण उसकी मौत हो गई थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 07:00 AM (IST)
दीपावली पर पटाखे ने शहर में दो परिवारों की छीन ली थीं खुशियां Prayagraj news
दीपावली पर आतिशबाजी पहले भी लोगों के लिए काल बनती रही है।

प्रयागराज, जेएनएन। दीपावली पर आतिशबाजी और बिजली की सजावट के कारण करंट पहले भी लोगों के लिए काल बनता रहा है। अबकी दीपावली पर दियाली इलाहाबाद की सांसद रीता जोशी की पोती छह साल की मासूम किया की मौत का कारण बनी और पूरा परिवार तथा करीबी सदमे में डूब गए। शहर और ग्रामीण अंचल मेंं पहले भी कई परिवार दीपावली पर अनहोनी का शिकार होकर जिंदगी भर के लिए गम के साए तले आ चुके हैं।  

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प्रीतम नगर में राव परिवार ने झेला गहरा दुख

करीब छह वर्ष पहले प्रीतम नगर में सुरेश कुमार के यहां किराए पर रहने वाले एमके राव पर खुशियों के पर्व दीपावली पर ही दुखों का पहाड़ टूटा था। उनके दो बेटों में छोटा रिषभ (15) आतिशबाजी करते समय अचानक पटाखे की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हफ्ते भर बाद उसने दम तोड़ दिया था। सुरेश कुमार का कहना है कि एमके राव पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे और यहां एक बैंक में कार्यरत थे। इस हादसे के बाद उनका परिवार टूट गया था। घटना के करीब दो वर्ष तक वे यहां रहे, लेकिन दीपावली नहीं मनाई। इसके बाद उनका तबादला गाजियाबाद हो गया था।

गरीब परिवार पर भी गम का साया

इसी प्रकार करीब सात वर्ष पहले यमुना बैंक रोड पर झुग्गी झोपड़ी में रहने वाला नौ साल का राजू दीपावली के दिन कूड़े के ढेर से पटाखा बीन रहा था कि तभी एक पटाखा दग गया। इससे कूड़े के ढेर में आग लग गई थी और इसकी चपेट में राजू आ गया था। गंभीर रूप से जलने के कारण उसकी मौत हो गई थी। राजू के पिता मुकंदी के चार पुत्रों में राजू तीसरे नंबर का था। इसके बाद परिवार के और लोग तो दो-तीन वर्ष बाद दीपावली मनाने लगे, लेकिन मुकंदी आज भी दीपावली नहीं मनाते हैं। उन्हें ऐसा गहरा गम और टीस मिली है कि वह जीवन भर बेचैन रहेंगे। परिवार के लोग आज भी उस घटना को यादकर बिलख पड़ते हैं।


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