Filaria Eradication Campaign: प्रयागराज का स्वास्थ्य विभाग फाइलेरिया उन्मूलन को तैयारी, नाइट ब्लड सर्वे हुआ
Filaria Eradication Campaign आइडीए कार्यक्रम के लिए 20 22 व 24 मार्च को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र तेलियरगंज में मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देशन में प्रशिक्षण भी दिया गया है। प्रशिक्षण में सभी ब्लॉक स्तरीय अधीक्षक बीसीपीएम डाटा इंट्री ऑपरेटर तथा नगरीय क्षेत्र के प्रभारी चिकित्साधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।
प्रयागराज, जेएनएन। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम (आइडीए 2021) 26 अप्रैल से 11 मई तक मनाया जाना है। इसे प्रभावी बनाने के लिए प्रयागराज में ब्लॉक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी भी कर ली है। सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय के निर्देश पर जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से चलाने की तैयारी है। इसके तहत चिन्हित क्षेत्रों में सामुदायिक स्तर पर लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी।
फाइलेरिया के प्रभाव को समझने के लिए नाइट ब्लड सर्वे
जिला मलेरिया अधिकारी केपी द्विवेदी ने बताया कि फाइलेरिया रोग में अक्सर हाथ या पैर में सूजन आ जाती है। यह सूजन इतनी अधिक हो जाती है कि व्यक्ति दिव्यांगता की श्रेणी में आ जाता है। इससे प्रभावित अंग अधिक सूजन के कारण हाथी के पांव की तरह दिखने लगता है, इसलिए इसे हाथी पांव भी कहते हैं। जनपद में फाइलेरिया के प्रभाव को समझने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 4 से 19 मार्च तक नाइट ब्लड सर्वे किया था। इसके आधार पर आगे की रणनीति बनाई जा रही है।
प्रभारी चिकित्साधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है
आइडीए कार्यक्रम में दो वर्ष से छोटे बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़ कर सभी को दवा का सेवन अनिवार्य रूप से करना है। इससे हाथी पांव या फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचाव हो सकेगा। आइडीए कार्यक्रम के लिए 20, 22 व 24 मार्च को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र, तेलियरगंज में मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देशन में प्रशिक्षण भी दिया गया है। प्रशिक्षण में सभी ब्लॉक स्तरीय अधीक्षक, बीसीपीएम, डाटा इंट्री ऑपरेटर तथा नगरीय क्षेत्र के सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।
ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पांच अप्रैल तक पूरा हो जाएगा
वेक्टर बार्न डिजीज के नोडल व एसीएमओ डॉ. बीएन सिंह ने बताया कि ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पांच अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। साथ ही जनपद में लक्षित जनसंख्या को माइक्रोप्लान तैयार कर दवा का सेवन ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के सामने कराये जाने का निर्देश भी दिया गया है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग को तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही संस्था पाथ से डॉ. शिवकांत ने बताया कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसका असर शरीर पर बहुत देर से दिखता है। किसी व्यक्ति में इस बीमारी के लक्षण दिखने में संक्रमित होने के बाद पांच से दस साल भी लग सकते हैं। इसलिए चिन्हित क्षेत्र में सभी लोगो को इसकी दवा का सेवन बहुत ही आवश्यक है। सभी लोग दवा का सेवन करें इसके लिए आवश्यक कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है।