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कभी माघ मेला क्षेत्र से चलती थीं ट्रेनें, परेड मैदान में था रेलवे स्टेशन, जानिए कब और क्‍यों बंद हुआ स्‍टेशन Prayagraj News

साल दर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती ही गई जिससे मेला क्षेत्र में बने स्टेशन से यातायात को संभालने में मुश्किल आने लगी। वर्ष 1942 में विचार-विमर्श में यह बात सामने आई कि बढ़ती भीड़ को देखते हुए इस स्टेशन पर सुविधाएं यातायात के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 01:55 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 05:06 PM (IST)
कभी माघ मेला क्षेत्र से चलती थीं ट्रेनें, परेड मैदान में था रेलवे स्टेशन, जानिए कब और क्‍यों बंद हुआ स्‍टेशन Prayagraj News
कभी माघ मेला क्षेत्र में बने रेलवे स्‍टेशन से ट्रेनों का संचालान होता था।

प्रयागराज, जेएनएन। तीर्थराज प्रयाग में गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन स्थल संगम तट पर प्रतिवर्ष माघ मेला और छह साल पर अर्ध कुंभ मेला और प्रत्येक 12 साल पर कुंभ लगता है। जिसमें देश-दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं और पवित्र नदियों के जल में डुबकी लगाकर पुण्य कमाते हैं। मेला क्षेत्र में पहुंचने और घर वापसी के लिए श्रद्धालुओं को कहीं भटकना नहीं पड़ता था, उनको मेला क्षेत्र में ही ट्रेनें मिलती थीं। ट्रेनों के संचालन के लिए बकायदा स्टेशन बनाया गया था जहां से देश के विभिन्न शहरों के लिए  ट्रेनें जाती और आती थीं।

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माघ मेला क्षेत्र में 1930 में बनाया गया था रेलवे स्टेशन

प्रयागराज में संगम तट पर प्रतिवर्ष माघमेले का आयोजन होता है जबकि देश में चार स्थानों पर कुंभ और अर्ध कुंभ मेला लगता है। इन मेलों में भारी भीड़ जुटती है। प्रयागराज में मेला के लिए अधिक क्षेत्रफल मिलने से यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की तादात अधिक होती है। इसी को देखते हुए ब्रिटिश शासन काल में वर्ष 1930 में कुंभ यात्रियों के दृष्टिगत मेला क्षेत्र में रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया।

हर साल श्रद्धालुओं की तादात बढऩे से होने लगी संचालन में दिक्कत

माघ मेला और कुंभ मेला में साल दर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती ही गई जिससे मेला क्षेत्र में बने स्टेशन से यातायात को संभालने में मुश्किल आने लगी। वर्ष 1942 में विचार-विमर्श में यह बात सामने आई कि बढ़ती भीड़ को देखते हुए इस स्टेशन पर सुविधाएं यातायात के लिए पर्याप्त नहीं हैं। ट्रेनों के संचालन में भी मुश्किल होने लगी। इसे बंद कर दिया जाना चाहिए लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया।

रेलवेज के पुनर्गठन के बाद 1952 में मेला स्टेशन पर बढ़ाई गईं सुविधाएं

देश की आजादी के बाद 1952 में रेलवे का पुनर्गठन किया गया। ईस्ट इंडियन रेलवेज से इस क्षेत्र में टे्रनों के संचालन की जिम्मेदारी उत्तर रेलवे को सौंप दी। इसी वर्ष में प्रयाग के माघ मेला क्षेत्र में बने स्टेशन पर सुविधाओं का विस्तार किया गया जिसमें प्लेटफार्म पर शेड, महिलाओं के लिए वेटिंग रूम, रिटायरिंग रूम के साथ यात्रियों के लिए खानपान (कैटरिंग) आदि की सुविधा भी मुहैया कराई गई।  

1954 के कुंभ के बाद बंद कर दिया गया मेले का स्टेशन

संगम नगरी में 1954 में कुंभ का आयोजन हुआ था। उस समय देश विदेश से श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों की भारी भीड़ मेला में आई थी। उसी दौरान संगम तट पर भगदड़ मच गई जिसमें कई श्रद्धालुओं को जीवन से हाथ धोना पड़ा था। उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी डाक्टर अमित मालवीय के मुताबिक हादसे के बाद मेला क्षेत्र में संचालित स्टेशन को अंतिम रूप से बंद कर दिया गया।

अब मेला क्षेत्र में दी जाती है रेलवे टिकट बुक कराने व लेने की सुविधा

माघ मेला अथवा कुंभ, अर्ध कुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को केवल मेला क्षेत्र में रेलवे की ओर से टिकट लेने और आरक्षित टिकट बुक कराने की सुविधा दी जाती है। मेला क्षेत्र में ही इसके लिए उत्तर मध्य रेलवे की ओर से टिकट काउंटर और पूछताछ केंद्र खोले जाते हैं। यहां प्रदर्शनी भी लगाई जाती है जिसमें रेलवे के बाबत तमाम जानकारियां दी जाती हैं। यह सुविधा एक से डेढ़ माह तक चलने वाले मेला पर्यन्त मुहैया रहती है।

मेला क्षेत्र के काफी करीब हैं दारागंज व प्रयागराज संगम स्टेशन

उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी डा. अमित मालवीय कहते हैं कि वर्तमान में कुंभ और माघ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं के दृष्टिगत रेलवे की ओर से तमाम सुविधाएं दी जाती हैं। प्रयागराज जंक्शन, रामबाग, नैनी, झूंसी, प्रयाग व फाफामऊ आदि स्टेशनों पर मेले के दौरान विशेष यात्री सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। देखा जाए तो प्रयागराज संगम और दारागंज रेलवे स्टेशन तकरीबन मेला क्षेत्र में ही आते हैं। मेले के दौरान इन स्टेशनों से विशेष मेला ट्रेनों का संचालन किया जाता है। मेला क्षेत्र तक सिटी बस, ई-रिक्शा, टैक्सी आदि का संचालन किया जाता है जिससे मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को यातायात की समस्या नहीं आती है।


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