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शिक्षक भर्ती में पेच फंसने की आशंका, Prayagraj से प्रतियोगी छात्र ने सीएम को भेजा पत्र

प्रतियोगी छात्र जगन्नाथ शुक्ल ने मुख्यमंत्री बेसिक शिक्षा मंत्री अपर/मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा विशेष सचिव बेसिक शिक्षा एवं सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पत्र भेजकर अवगत कराया है। अब देखना यह है कि संबंधित अधिकारी इस भर्ती को समय से पूरा कराने के लिए कितना गंभीर हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2021 09:52 PM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 09:52 PM (IST)
शिक्षक भर्ती में पेच फंसने की आशंका, Prayagraj से प्रतियोगी छात्र ने सीएम को भेजा पत्र
मानक की अनदेखी का आरोप लगाते हुए प्रतियोगी छात्र ने मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों को पत्र भेजा है।

प्रयागराज, जेएनएन। शिक्षक भर्ती परीक्षा के आयोजन में मानक की अनदेखी का आरोप लगाते हुए प्रतियोगी छात्र ने मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों को पत्र भेजा है। ऐसे में शिक्षक भर्ती में पेच फंसने की आशंका जताई गई है।   दरअसल, एनसीटीई द्वारा प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भर्ती की योग्यता का निर्धारण किया जाता है। बीएड अभ्यर्थियों की योग्यता के लिए एनसीटीई द्वारा स्नातक में 50 फीसद की बाध्यता को लेकर 21 नवंबर 2019 का संशोधित नोटिफिकेशन प्रभावी है। इसमें यह स्पष्ट है कि 29 जुलाई 2011 से पहले बीएड में दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए स्नातक में 50 फीसद की अनिवार्यता नहीं है। जबकि 29 जुलाई 2011 के बाद प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए स्नातक अथवा परास्नातक में 50 प्रतिशत अनिवार्य है। अभी तक इसी आधार पर ही पीएनपी द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) लिए जा रहे हैं। लेकिन, राज्य सरकार ने जूनियर अध्यापक की योग्यता के संदर्भ में बेसिक शिक्षा नियमावली में संशोधन करके स्नातक में 50 प्रतिशत अनिवार्य कर दिया है। हाल ही में राज्य सरकार ने इस भर्ती का विस्तृत कार्यक्रम भी जारी कर दिया है। इसका विज्ञापन 18 फरवरी को जारी होने की संभावना है। इसको लेकर अभ्यर्थियों में भ्रम की स्थिति  है। इस संदर्भ में प्रतियोगी छात्र जगन्नाथ शुक्ल ने मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री, अपर/मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा, विशेष सचिव बेसिक शिक्षा एवं सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पत्र भेजकर अवगत कराया है।

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मानक का पालन नहीं तो न्यायालय में जा सकती है भर्ती का मामला

यदि आगामी विज्ञापन में परीक्षा का आयोजन करने वाली संस्था एनसीटीई के मानक का पालन नहीं करती है तो इस भर्ती का भी न्यायालय की शरण में जाना तय है। अब देखना यह है कि संबंधित अधिकारी इस भर्ती को समय से पूरा कराने के लिए कितना गंभीर हैं।


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