Shyama Charan Gupta के पिता का 2004 में हुआ था अपहरण, इस घटना के बाद अपने हाथों ले ली थी कारोबार की कमाान
इस मामले में मंगल के साथियों सूर्य देव सिंह अनिल प्रताप सिंह महेंद्र प्रताप सिंह व संजीव प्रताप सिंह उप टुन्ना को भी बाद में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद श्यामाचरण ने पिता को प्रयागराज में अपने साथ रखा। बिजनेस की सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली थी।
प्रयागराज, जेएनएन। ये घटना है 12 जनवरी 2004 की। प्रयागराज में बालसन चौराहे के पास जार्जटाउन में रहने वाले श्यामाचरण गुप्ता के पिता व तेंदूपत्ता व्यवसायी तीरथ प्रसाद गुप्ता 12 जनवरी 2004 को मध्य प्रदेश के उमरिया से सतना जा रहे थे तो रास्ते में उन्हें अगवा कर लिया गया था। एक क्वालिस कार में बैठे चार अपहर्ताओं ने यह कहकर तीरथ प्रसाद की कार को रोका था कि पुलिस अधिकारी तलाशी लेना चाहते हैैं। इसके बाद अपहर्ता कार व चालक समेत तीरथ प्रसाद गुप्त को अगवा कर ले गए थे।
अपहर्ताओं ने तीरथ प्रसाद के कार चालक को बेहोश कर बिहार के आरा जनपद में सड़क के किनारे छोड़ दिया था। वह दो दिन बाद 14 जनवरी को किसी तरह सतना पहुंचा था और घटना की सूचना दिया था। पिता के अपहरण की सूचना जब श्यामाचरण गुप्ता को मिली तो वह अपने दफ्तर में थे। उनकी आंखें भर आई थीं। श्यामाचरण ने बेटे विदुप से बात की और फिर मध्य प्रदेश के पुलिस अफसरों से संपर्क साधा।
बड़े व्यवसायी और राजनीति में ऊंचाई हासिल कर चुके श्यामाचरण के पिता के अपहरण पर मध्य प्रदेश के तत्कालीन डीजीपी एसके दास ने तेज तर्रार आइपीएस संजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ की एक टीम गठित की थी। बिहार पुलिस के सहयोग से इस टीम ने लंबी छानबीन के बाद बिहार के औरंगाबाद जिले से तीरथ प्रसाद गुप्त को अपहर्ताओं से मुक्त कराया जा सका था। अपहरण करने वाले गिरोह के सरगना विक्रम प्रताप सिंह उर्फ मंगल सिंह निवासी अकोढ़ी, मीरजापुर को भी गिरफ्तार किया गया था। बताते हैं कि अपहरण के बाद पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। बताते हैैं कि फिरौती के लिए विदेश से फोन आए थे। पुलिस की छानबीन के बाद पता चला था कि अपहरण के बाद तीरथ प्रसाद गुप्ता को औरंगाबाद शहर के बाबूकर्मा मोहल्ले में प्रोफेसर नवलेश सिंह के आवास पर छिपाकर रखा गया था। मंगल ने यह मकान किराए पर लिया था, बोला था कि पिता का इलाज कराने के लिए किराए पर घर लिया है।
शातिर मंगल सिंह ही तीरथ प्रसाद की देखभाल करता था। इस मामले में मंगल के साथियों सूर्य देव सिंह, अनिल प्रताप सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह व संजीव प्रताप सिंह उप टुन्ना को भी बाद में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद श्यामाचरण ने पिता को प्रयागराज में अपने साथ ही रखा। पिता की बिजनेस की सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली थी।