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आजादी के लड़ाके केशव देव मालवीय के पिता ने नाराज होकर घर में शुरू कर दिया था अनशन, जानिए पूरा मामला

इतिहासकार जयप्रकाश यादव बताते हैं कि केशव देव मालवीय हर हाल में खुश रहते थे। वे निराश होने वाले लोगों में नहीं थे। वे कर्म में विश्वास रखते थे। भाग्यवादी नहीं थे। आजादी के लड़ाई के दौरान प्रयागराज में उनके परिवार ने बहुत कष्ट में दिन गुजारे थे।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 11:41 AM (IST)
आजादी के लड़ाके केशव देव मालवीय के पिता ने नाराज होकर घर में शुरू कर दिया था अनशन, जानिए पूरा मामला
उनके राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने पर नाराज होकर उनके पिता ने घर में ही अनशन शुरू कर दिया था।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में आजादी की लड़ाई में भाग लेने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने घरवालों के रोक की परवाह नहीं की थी। इन्हीं में एक केशवदेव मालवीय बड़े जीवट वाले आदमी थे। वे सच्चे समाजवादी थे। काफी दिनों तक मंत्री रहने के बाद भी उनके पास जमा पूंजी नहीं थी। जीवन के अंतिम वर्षों में उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी। उनके राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने पर नाराज होकर उनके पिता ने घर में ही अनशन शुरू कर दिया था। 

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हर हाल में खुश रहते थे केशव देव

इतिहासकार जयप्रकाश यादव बताते हैं कि केशव देव मालवीय हर हाल में खुश रहते थे। वे निराश होने वाले लोगों में नहीं थे। वे कर्म में विश्वास रखते थे। भाग्यवादी नहीं थे। आजादी के लड़ाई के दौरान प्रयागराज में उनके परिवार ने बहुत कष्ट में दिन गुजारे थे। उनकी पुत्री आशा सेठ ने अपने संस्मरण में लिखा है कि पिता जी जब जेल में होते तो उस समय केवल लालबहादुर शास्त्री और एक राठौर परिवार ही मदद के लिए आता था। साउथ मलाका वाले मकान में इनके अलावा कोई झांकने के लिए भी नहीं आता था। 

पिता का अनशन तुड़वाया था

जयप्रकाश यादव बताते हैं कि 1932 में प्रदेश सरकार ने यह आदेश जारी किया कि पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी के घर का कोई सदस्य अगर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेगा तो उसकी पेंशन खत्म कर दी जाएगी। पिता ने केशवदेव से राजनीतिक गतिविधि बंद करने को कहा। केशवदेव ने इसे अनसुना कर दिया इस पर नाराज होकर उनके पिता ने घर में ही अनशन शुरू कर दिया। केशव देव ने किसी तरह उनका अनशन तुड़वाया और अपनी पत्नी दुर्गा और पुत्र देवेंद्र को लेकर हीवेट रोड के पास एक गली के मकान की कोठरी में रहने लगे। उनके हर समय गिरफ्तार होने की संभावना रहती थी। इसलिए वे अपनी पत्नी तथा तीन वर्षीय पुत्र को लेकर अपने भाई कपिलदेव मालवीय के यहां छोडऩे जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 

पुलिस ने निपटने में पत्नी दुर्गा थीं सिद्धहस्त

जयप्रकाश बताते हैं कि केशवदेव मालवीय की पत्नी पुलिस वालों से निपटने में सिद्ध हस्त हो गई थीं। एक बार पुलिस उनके घर छापा मारने आई। घर में कुछ आपत्तिजनक सामाग्री तथा तार काटने का सामान था। दुर्गा ने घर के नौकर रग्घू को बेकार के कागजों का पुलिंदा बनाकर पुलिस के सामने से बाहर भेजा। पुलिस उसमें पुलिस उलझ कर रह गई और इसबीच उन्होंने आपत्तिजनक सामग्री ठिकाने लगा दी।


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