लाखों रुपये का धान और गेहूं बेचने वाले बड़े काश्तकार भी ले रहे प्रयागराज में मुफ्त राशन
शहरी क्षेत्र में राशन कार्ड बनवाने वालों की सालाना आय तीन लाख और ग्रामीण अंचल में दो लाख होनी चाहिए लेकिन तमाम लोग निर्धारित आय से अधिक कमाई होने के बावजूद मुफ्त का राशन ले रहे थे। सत्यापन के बाद इन सभी का राशन कार्ड निरस्त किया जाएगा
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यह बेहद हैरानी की बात है कि बड़े काश्तकार भी राशन कार्ड बनवाकर मुफ्त का राशन ले रहे हैं। लाखों रुपये का गेहूं और धान प्रतिवर्ष क्रय केंद्रों पर बेचने वालों का अब सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के बाद इन सभी का राशन कार्ड निरस्त किया जाएगा। ऐसे किसानों का सत्यापन आधार नंबर के अनुसार किया जाएगा। दो माह के भीतर लखनऊ से क्रय केंद्रों पर लाखों का गेहूं और धान बेचने वालों की लिस्ट जिला आपूर्ति अधिकारी के पास आ जाएगी।
विपणन विभाग की रिपोर्ट पर इन सभी का निरस्त हुआ था राशन कार्ड
जिले में पिछले वर्ष यह खेल करने वाले 1356 लोगों की लिस्ट प्रशासन ने तैयार कर जिला आपूर्ति अधिकारी को भेजी है। इन सभी का राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया। शहरी क्षेत्र में राशन कार्ड बनवाने वालों की सालाना आय तीन लाख और ग्रामीण अंचल में दो लाख होनी चाहिए। लेकिन तमाम लोग निर्धारित आय से अधिक कमाई होने के बावजूद मुफ्त का राशन ले रहे थे। पिछले वर्ष क्रय केंद्रों पर इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ परचेज मशीन से गेहूं की खरीद की गई। रजिस्ट्रेशन और गेहूं बिक्री के दौरान आधार नंबर अनिवार्य था। धान खरीद में इस बार अब तक 26 हजार से अधिक ने रजिस्ट्रेशन कराया है। फरवरी तक खरीद होगी ऐसे में संख्या 40 हजार के पार हो सकती है। जितने लोग धान बेच रहे हैं उनका सत्यापन हो रहा है।
जिला आपूर्ति अधिकारी का है कहना
अपात्र होने के बावजूद कुछ लोग मुफ्त का राशन ले रहे हैं। लिस्ट मिलने के बाद कार्ड धारक और किसानों का सत्यापन शुरू हो जाएगा। अपात्र मिलने पर इन सभी का राशन कार्ड निरस्त किया जाएगा।
आनंद कुमार सिंह, जिला आपूर्ति अधिकारी, प्रयागराज