16 दिन से कतार में खड़े प्रयागराज के किसान लेकिन नहीं खरीदा गया उनका धान
आन लाइन टोकन प्रक्रिया बंद होने के बावजूद धान बेचने वाले किसानों की समस्या कम नहीं हो रही है। किसानों को खुद का धान बेचने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। धान क्रय केंद्र प्रभारियों की मनमानी से धान केंद्र पर लाने के बावजूद खरीद नहीं हो रही है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यमुनापार इलाके में मेजा के किसान होरी लाल हों या कोरांव क्षेत्र के किसान चयनसुख, नवाबगंज में बिछिया के किसान चुनकू राम यादव हों या फिर सोरांव के किसान हीरा लाल पांडेय, ये सभी पिछले 16 दिनों से धान बेचने के लिए क्रय केंद्र के चक्कर लगा रहे हैं। कतार में भी लगे रहे लेकिन इनके धान की खरीद नहीं हो रही। कभी क्रय केंद्र पर बोरा न होने का हवाला देकर वापस किया जा रहा है तो कभी केंद्र पर धान रखने की जगह न होने की बात कह कर लौटाया जा रहा है। यह चार किसान तो सिर्फ बानगी भर हैं। इसी तरह से हजारों किसान धान बेचने के लिए क्रय केंद्र जा रहे हैं लेकिन इनके धान की खरीद नहीं हो रही है।
2.25 लाख टन है खरीद का लक्ष्य, 1.20 लाख हो चुकी है खरीद
आन लाइन टोकन प्रक्रिया बंद होने के बावजूद धान बेचने वाले किसानों की समस्या कम नहीं हो रही है। किसानों को खुद का धान बेचने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। धान क्रय केंद्र प्रभारियों की मनमानी से धान केंद्र पर लाने के बावजूद खरीद नहीं हो रही है। बिक्री न होने से परेशान किसान अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। आन लाइन टोकन प्रक्रिया जब शुरू की गई तो सैकड़ों किसानों ने दस जनवरी के आसपास का टोकन लिया। व्यवस्था में बदलाव होने से अब इनका टोकन निरस्त हो गया है। सोरांव, जसरा, कौड़िहार, मऊआइमा, सहसो,कोरांव, मेजा, करछना, सैदाबाद,उरुवा आदि स्थानों पर खुले क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए किसान पहुंच रहे हैं, लेकिन धान की खरीद नहीं की जा रही है। किसानों का कहना है कि चार दिनों की बारिश में लगातार केंद्र के बाहर ट्रैक्टर ट्राली में धान लेकर केंद्र के बाहर बेचने के लिए खड़े रहे लेकिन खरीद नहीं हुई। कुछ धान भीग भी किया है। अधिकारी भी समस्याओं को नजर अंदाज कर रहे हैं।
क्षेत्रीय व्यापारियों को धान बेचने के लिए मजबूर
क्रय केंद्रों पर धान खरीद न होने से परेशान किसान अब क्षेत्रीय व्यापारियों को 1300 से 1400 रुपये कुंतल में धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं क्रय केंद्रों पर 1940 रुपये कुंतल में धान खरीद की जा रही है। किसानों का कहना है कि समय से धान नहीं बेचेंगे तो घर का खर्च चलाना कठिन हो जाएगा। क्रय केंद्रों पर 2.25 लाख टन इस बार धान खरीद का लक्ष्य मिला है। इसके सापेक्ष 1.20 लाख टन धान की खरीद की जा चुकी है।
इनका यह है कहना
किसानों को धान बेचने में परेशानी न हो इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। कुछ स्थानों पर समस्या आ रही है। उसको जल्द ही सही किया जाएगा। जिन किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, उनके धान की खरीद समय से होगी।
- विपिन कुमार राय, जिला विपणन अधिकारी