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किसानों के काम नहीं आई SMP, सस्ते में अन्‍नदाताओं को बेचना पड़ा अपना धान Prayagraj News

इस बार धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति कुंतल तय किया गया था। किसानों का धान कम से कम इस दाम पर तो बिकना ही चाहिए था। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। अधिकांश किसानों को सस्‍ते में अपने धान बेचने पड़े।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 10:18 AM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 10:18 AM (IST)
किसानों के काम नहीं आई SMP, सस्ते में अन्‍नदाताओं को बेचना पड़ा अपना धान Prayagraj News
प्रयागराज में न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ किसानों को नहीं मिला।

जेएनएन, प्रयागराज। इस बार धान खरीद में सरकार का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसानों के काम नहीं आई। अधिकतर किसानों को बहुत कम दामों पर धान बेचना पड़ा है। धान खरीद शुरू हुए करीब तीन महीने हो गए लेकिन लक्ष्य के सापेक्ष जिले में अब तक 50 फीसद भी खरीद नहीं हुई है। फिलहाल खरीद जारी है और फरवरी तक केंद्र खुले रहेंगे।

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इस बार धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति कुंतल तय किया गया था। किसानों का धान कम से कम इस दाम पर तो बिकना ही चाहिए था। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने के पीछे सरकार की मंशा होती है कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल जाए। यह तभी होता है जब खरीद केंद्रों पर किसानों की अधिक से अधिक फसल खरीदी जाए। जब किसानों की ज्यादातर फसल सरकार के जरिए खरीदी जाएगी तो व्यापारियों को माल कम मिलेगा। ऐसे में खुले बाजार में फसल का रेट बढ़ जाएगा तो उन किसानों को भी रेट अच्छा मिल जाएगा जो खरीद केंद्र तक नहीं पहुंच पाते हैं।

विपणन अधिकारी और केंद्र प्रभारियों की मनमानी, बिचौलिए सक्रिय

वहीं इस बार किसानों की उपज खरीद केंद्रों पर बहुत कम ली गई। विपणन अधिकारी और केंद्र प्रभारियों ने मनमानी करते हुए बिचौलियों से धान खरीदा। इसे रिकॉर्ड में किसानों का धान दिखाने के लिए दस्तावेज में हेराफेरी भी की। वह पिछले दिनों पकड़ा भी गया। इसका नतीजा यह रहा कि किसानों का धान खरीद केंद्रों को नहीं बिका और उन्हें मजबूरी में 11 से 12 सौ रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से बेचना पड़ा। ज्यादातर किसान नवंबर और दिसंबर में धान बेचते हैं। अब दिसंबर भी बीतने को है लेकिन जिले में लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक आधी भी खरीद नहीं हुई है।

शिकायत पर जिला प्रशासन ने जांच की, मिली अनियमितता

पिछले दिनों केंद्र प्रभारियों की मनमानी शिकायत हुई तो जिला प्रशासन ने करीब हफ्ते भर जांच की। जांच में कई अनियमितता पाई गई। उस दौरान पांच केंद्र प्रभारियों और नौ बिचौलियों पर मुकदमा कराया गया। बिचौलियों का धान खरीदने पर 33 केंद्र बंद भी कराए गए। उसके बाद प्रशासन की जांच भी थम गई तो केंद्र प्रभारियों की मनमानी फिर शुरू हो गई।

डिप्टी आरएमओ ने यह कहा

डिप्टी आरएमओ विपिन कुमार ने बताया कि अभी फरवरी तक धान की खरीद चलेगी। जिन किसानों का धान अब तक नहीं तौला गया है, वह सेंटर में पहुंचकर धान बेंच दें।


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