धान की बिक्री में किसानों को हो रही परेशानी, आनलाइन टोकन प्रक्रिया बंद, अब क्रय केंद्र में मनमानी
क्रय केंद्रों पर धान खरीद न होने से परेशान किसान अब क्षेत्रीय व्यापारियों को सस्ते में धान बेचने पर विवश हैं। किसान व्यापारियों को 1300 से 1400 रुपये कुंतल में धान बेच रहे हैं। वहीं क्रय केंद्रों पर 1940 रुपये कुंतल में धान खरीद की जा रही है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। शासन की ओर से किसानों को धान बेचने की सुविधा दी है। इसके लिए नियम भी बनाए गए हैं। इसके बाद भी धान बेचने वाले किसान परेशान हो रहे हैं। आनलाइन टोकन प्रक्रिया के बंद होने के बावजूद किसानों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। धान क्रय केंद्र प्रभारी की मनमानी से किसानों को धान बेचने में दिक्कत आ रही है। किसान अपनी समस्या को लेकर अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं लेकिन उनकी समस्याओं को नजर अंदाज कर दिया जा रहा है। इससे किसानों में आक्रोश है।
क्रय केंद्रों पर किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा
धान खरीद में आनलाइन टोकन प्रक्रिया जब शुरू की गई तो सैकड़ों किसानों ने 10 जनवरी के आसपास का टोकन लिया था। व्यवस्था में बदलाव होने से अब इनका टोकन निरस्त हो गया है। इससे प्रयागराज जनपद में सोरांव, जसरा, कौड़िहार, मऊआइमा, सहसों, कोरांव, मेजा, करछना आदि स्थानों पर खुले क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए किसान पहुंच रहे हैं। हालांकि किसानों के धान की खरीद नहीं की जा रही है।
पिछले दिनों की बारिश में धान भीग गया
मेजा के किसान होरी लाल, कोरांव के किसान चयनसुख, नवाबगंज बिछिया के किसान चुनकू राम यादव ने बताया कि पिछले कई दिनों से वह धान बेचने के लिए क्रय केंद्र पर आ रहे हैं केंद्र प्रभारी बहाना बताकर वापस कर दे हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्र प्रभारी कभी कहते हैं बोरा नहीं है तो कभी कहते हैं कि धान रखने की जगह नहीं है। चार दिनों की बारिश में लगातार केंद्र के बाहर ट्रैक्टर की ट्राली में धान लेकर खड़े रहे लेकिन खरीद नहीं हुई। इसमें कुछ धान भीग भी किया है।
किसान कम रेट में व्यापारियों को धान खरीदने पर विवश
क्रय केंद्रों पर धान खरीद न होने से परेशान किसान अब क्षेत्रीय व्यापारियों को सस्ते में धान बेचने पर विवश हैं। किसान व्यापारियों को 1300 से 1400 रुपये कुंतल में धान बेच रहे हैं। वहीं क्रय केंद्रों पर 1940 रुपये कुंतल में धान खरीद की जा रही है। किसानों का कहना है कि समय से धान नहीं बेचेंगे तो घर का खर्च चलाना कठिन हो जाएगा।