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Murder and Sucide Case: घरवालों ने कहा शिकायत से ज्यादा परेशान थे CRPF सिपाही विनोद Prayagraj News

थानाध्यक्ष थरवई भुवनेश चौबे ने विनोद के पिता छोटे भाई अमन और साले से भी पूछताछ करते हुए घटना की असली वजह जानने की कोशिश की लेकिन कोई सटीक जानकारी नहीं मिल सकी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 09:38 AM (IST)
Murder and Sucide Case: घरवालों ने कहा शिकायत से ज्यादा परेशान थे CRPF सिपाही विनोद Prayagraj News
Murder and Sucide Case: घरवालों ने कहा शिकायत से ज्यादा परेशान थे CRPF सिपाही विनोद Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के ग्रुप सेंटर में हुई घटना को लेकर थरवई पुलिस ने विनोद के परिजनों से लंबी पूछताछ की। घरवालों ने पुलिस से कहा कि परिसर में रहने वाली एक महिला की शिकायत करने पर विनोद ज्यादा परेशान हो गए थे। हम आपको बता दें कि सीआरपीएफ सिपाही विनोद यादव ने रिवाल्‍वर से गोली मारकर पिछले दिनों अपनी पत्‍नी, बेटा व बेटी की हत्‍या कर दी थी। इसके बाद खुद भी फांसी पर लटक कर गोली मारकर आत्‍महत्‍या कर लिया था।

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पुलिस ने पिता, भाई और साले से की पूछताछ

दिसंबर माह में एक महिला को लेकर परिवार में विवाद हुआ तो विनोद पत्नी व बच्चों को गांव छोड़ आए थे। डेढ़ माह तक वहां रहने के बाद उनकी पत्नी बच्चों को लेकर अपने देवर के साथ सीआरपीएफ स्थित आवास पहुंची थीं। पूछताछ के दौरान पिता बाल मुकुंद ने बेटे विनोद समेत अन्य की हत्या की आशंका भी जताई थी। इस पर पुलिस ने उन्हें ने बताया कि आवास का कमरा भीतर से बंद था। आने-जाने का दूसरा कोई रास्ता या दरवाजा नहीं था। ऐसे में हत्या का बिंदु नहीं है।

पुलिस जांच में पता चला कि फिलहाल घर में कलह की वजह एक महिला ही थी

थानाध्यक्ष थरवई भुवनेश चौबे ने विनोद के पिता, छोटे भाई अमन और साले से भी पूछताछ करते हुए घटना की असली वजह जानने की कोशिश की, लेकिन कोई सटीक जानकारी नहीं मिल सकी। हालांकि यह लगभग साफ हो चुका है कि घर में कलह की वजह एक महिला थी। फिलहाल पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विनोद के घरवालों का बयान लिया जा चुका है। अब उसी आधार पर विवेचना को आगे बढ़ाया जाएगा। कुछ दिन पहले सीआरपीएफ के जवान विनोद यादव ने पत्नी व बच्चों की हत्या करने बाद खुद फांसी लगा ली थी।

सीआरपीएफ का खुफिया तंत्र नाकाम 

मामले की छानबीन के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि सीआरपीएफ की हर बटालियन में एक अभिसूचना इकाई है, जो जवानों और उनके करीबियों की गतिविधि पर नजर रखती है। वहीं विनोद के पास रिवाल्वर होने और कई दिनों से चल रहे विवाद की गंभीरता को सही तरीके से आंकलन करने में सीआरपीएफ का खुफिया तंत्र नाकाम ही रहा।


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