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Fake Rupees Smuggling प्रयागराज पुलिस के रडार से दूर है नकली नोट गैंग का मुख्य तस्कर, पहचान भी नहीं हुई

Fake Rupees Smuggling पुलिस की पूछताछ में उन लोगों ने गोविंद निवासी बलीपुर थाना जेठवारा प्रतापगढ़ का नाम लेते हुए कहा था कि वहीं गैंग का सरगना है। उसके साथ मिलकर वह लंबे समय से जाली नोटों को खपा रहे थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 08:09 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 08:09 AM (IST)
Fake Rupees Smuggling प्रयागराज पुलिस के रडार से दूर है नकली नोट गैंग का मुख्य तस्कर, पहचान भी नहीं हुई
प्रयागराज पुलिस को नकली नोट गैंग के सरगना की तलाश है। हालांकि अभी उसकी पहचान नहीं हो सकी है।

प्रयागराज, जेएनएन। अभी 25 दिन पहले की ही तो बात है। नवाबगंज और एसओजी गंगापार ने संयुक्त रूप से पटना उपरहार हाइवे के पास से नकली नोट गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 6.50 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए गए। सभी नोट दो हजार और पांच सौ के थे। इसमें गैंग के जिस सरगना का नाम सामने आया था, उसे आज तक पुलिस गिरफ्तार करना तो दूर सही प्रकार से पहचान तक नहीं कर सकी है। हालांकि, पुलिस का दावा है कि वह गिरोह के सरगना की तलाश में लगी और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लेगी, लेकिन आज भी पुलिस वहीं खड़ी है, जहां पहले दिन थी।

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प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं मुख्य सरगना समेत गिरफ्तार आरोपित

पुलिस ने दो तस्करों को गिरफ्तार किया था। नमें राजेंद्र कुमार गौतम व अजय कुमार उर्फ धीरज सरोज निवासी सराय महासिंह थाना जेठवारा जनपद प्रतापगढ़ शामिल थे। पुलिस की पूछताछ में उन लोगों ने गोविंद निवासी बलीपुर थाना जेठवारा प्रतापगढ़ का नाम लेते हुए कहा था कि वहीं गैंग का सरगना है। उसके साथ मिलकर वह लंबे समय से जाली नोटों को खपा रहे थे। हालांकि, दोनों यह नहीं बता सके थे कि गोविंद इन नकली नोटों को कहां से लाता था।

गोविंद के नाम पर पुलिस को किया गुमराह

गिरफ्तार दोनों आरोपितों से पूछताछ करने के बाद पुलिस को लगा था कि वह मुख्य सरगना गोविंद को अब आसानी से पकड़ लेगी, लेकिन जब वह गोविंद के गांव पहुंचे तो उनका माथा घूम गया। उस गांव में इस नाम के तीन व्यक्ति थे और सभी दोनों आरोपिताें को जानते थे। हालांकि इन तीनों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। पुलिस ने अपने स्तर से जांच की तो तीनों पर कहीं से संदेह नहीं हुआ। अब धीरे-धीरे पुलिस की समझ में आ रहा है कि आरोपित राजेंद्र गौतम और अजय उर्फ धीरज ने उन्हें गुमराह किया था।


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