जुगाड़ वालों को ही मेला स्टोर से दी जा रही हैं सुविधाएं Prayagraj News
जगन्नाथ प्रजापति ने बताया कि एक हफ्ते से टहलाया जा रहा है। सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर रंगनाथ पांडेय ने कहा कि संस्था के नाम पर घटिया स्तर के फर्नीचर दिए जिन्हें वापस कर दिया।
प्रयागराज,जेएनएन। मेला स्टोर में कई तरह की अनियमितता नजर में आई है। एक तरफ मेला स्टोर से चहेतों को अतिरिक्त सुविधाएं दी जा रही है और दूसरी ओर पात्र इधर-उधर भटक रहे हैैं। मेला स्टोर से वितरित की जाने वाली सुविधाओं को न तो कोई देखने वाला है और न ही किसी का नियंत्रण है। बता दें कि मेला स्टोर के स्टॉफ पर पिछले साल कुंभ के दौरान भी सुविधा वितरण में अनियमितता का आरोप लगा था।
कुंभ में जांच के दायरे में आए स्टोर प्रभारी को फिर मिला चार्ज
कुंभ में जांच के दायरे में आए स्टोर प्रभारी देवराज पर कार्रवाई नहीं हुई थी। इस साल फिर प्रभारी बना दिए गए। अब मनमाने तरीके से सुविधाएं वितरित कर दिए। मेले में आए संस्था संचालक श्रीराम त्रिपाठी, चंद्र प्रकाश शर्मा, वीरेंद्र बहादुर, कमलेश स्वर्णकार, राधेश्याम सिंह यादव ने बताया कि वह कई दिन से स्टोर जा रहे हैैं, पर्ची है मगर सुविधाएं नहीं दी जा रही हैैं। राहुल द्विवेदी ने बताया कि ईंट के लिए निर्देश भी नहीं भेजीं। अब मुट्ठी गरम करने को कहा जा रहा है। जगन्नाथ प्रजापति ने बताया कि एक हफ्ते से टहलाया जा रहा है। सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर रंगनाथ पांडेय ने कहा कि संस्था के नाम पर बेहद घटिया स्तर के फर्नीचर दिए, जिन्हें वापस कर दिया, अब स्टोर प्रभारी दौड़ा रहे हैं। स्टोर प्रभारी देवराज का कहना है कि आरोप लगाने वाले देरी से मेला क्षेत्र में आए। जल्द ही सभी को अतिरिक्त सुविधाएं मुहैय्या करा दी जाएंगी। मेलाधिकारी रजनीश कुमार मिश्र का कहना है कि अतिरिक्त सुविधाएं बिना निर्देश के स्टोर से नहीं जारी हो सकती है। स्टोर में अनियमितता की जांच कराई जाएगी।
स्टोर से मिलती हैं अतिरिक्त सुविधा
मेला स्टोर से विशेष कल्पवासियों, संस्थाओं और साधु-संतों को अतिरिक्त सुविधाएं दी जाती हैैं। ये अतिरिक्त सुविधाएं जिम्मेदार अधिकारी के निर्देश पर ही दी जाती हैैं इसमें वीआइपी कुर्सी-मेज, सोफासेट, सेंट्रल टेबल, सिंगल व डबल बेड, फोल्डिंग, मैटिंग, रजाई, गद्दा, चादर, तकिया, कंबल, दरी शामिल है। बिछाने के लिए ईंटें दी जाती हैैं।
अलाव को हरी लकड़ी की आपूर्ति
माघ मेला में अलाव के लिए हरी लकड़ी की आपूर्ति की जा रही है। इसके कारण अलाव नहीं जल पा रहा है, जिससे रात में लोगों को अलाव का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जहां अलाव जलाया जाता है, वहां आग कम धुआं ज्यादा होता है। इसी तरह पुआल की भी गुणवत्ता बेहद खराब है। दोनों सामान की आपूर्ति भी मेला भंडार से ही होती है।