आनंद भवन के गृहकर में छूट को लेकर पेच फंस गया है, ऐसा इसलिए...Prayagraj News
नगर निगम की कर निर्धारण टीम एक बार फिर ट्रस्ट और चैरिटेबल ट्रस्ट के दस्तावेज को खंगाल रही है। क्योंकि संस्था की ओर से निगम को दिए गए दस्तावेजों में सिर्फ ट्रस्ट के कागज हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। आनंद भवन के गृहकर में छूट को लेकर पेच फंस गया है। नगर निगम ने जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड (ट्रस्ट) के अधीन आने वाले आनंद भवन, संग्रहालय और तारामंडल पर ब्याज समेत 4.36 करोड़ रुपये बकाया गृहकर की नोटिस जारी की थी। इसके जवाब में ट्रस्ट ने नगर निगम को जो दस्तावेज सौंपे हैैं, उससे यह पुष्टि नहीं हो पा रही है कि आनंद भवन चैरिटेबल ट्रस्ट है। चैरिटेबल ट्रस्ट होने की स्थिति में ही आनंद भवन का गृहकर माफ हो सकता है। ऐसे में नगर निगम की ओर से दस्तावेजों की दोबारा गहन जांच की जा रही है।
आनंद भवन के चैरिटेबल ट्रस्ट होने के स्पष्ट कागजात नहीं है
नगर निगम की ओर से जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड (ट्रस्ट) को बकाया गृहकर की नोटिस दिए जाने के बाद वहां के पदाधिकारियों ने महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी से दोबारा मुलाकात कर उन्हें ट्रस्ट से जुड़े दस्तावेजों की प्रतिलिपि सौंपी। ट्रस्ट कब बनाया गया? ट्रस्ट की कार्यशैली क्या है? पदाधिकारियों की जानकारी दस्तावेज में है, लेकिन आनंद भवन के चैरिटेबल ट्रस्ट होने के स्पष्ट कागजात नहीं है। संस्था कैसे चैरिटी कर रही है, इसके बारे में भी स्पष्ट जानकारी नहीं है।
ट्रस्ट होने भर से गृहकर माफ करने का कोई प्राविधान नहीं : कर निर्धारण अधिकारी
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्र का इस संबंध में कहना है कि ट्रस्ट की ओर से दोबारा दिए गए दस्तावेज की भी गहन जांच चल रही है। जोन-4 से इसकी संपूर्ण रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने पर उसका गहन अध्ययन करने के बाद निगम आगे की कार्यवाही करेगा। क्योंकि सिर्फ ट्रस्ट होने भर से गृहकर माफ करने का कोई प्राविधान नहीं है।
बोलीं महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी
इस संबंध में महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड (ट्रस्ट) द्वारा अभी तक जितने भी दस्तावेज दिए गए हैं, उससे यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि आनंद भवन चैरिटेबल ट्रस्ट है। चैरिटेबल ट्रस्ट होने पर गृहकर माफ हो सकता है। वैसे ट्रस्ट 600 रुपये वार्षिक गृहकर जमा कर रहा है।