पूर्व सपा विधायक विजमा यादव ने कोर्ट में किया सरेंडर, मिली अंतरिम जमानत
प्रयागराज जिले के प्रतापपुर से विजमा यादव दो बार विधायक रह चुकी हैं। उनके खिलाफ प्रयागराज के झूंसी थाना में मारपीट के साथ बंदूक लूटने का मामला दर्ज है।
प्रयागराज (जेएनएन)। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी कोर्ट में पेश नहीं होने वाली पूर्व विधायक विजमा यादव ने आज कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने उनको जमानत दे दी।
प्रयागराज के झूंसी थाने में दर्ज मारपीट और बंदूक लूटने के मुकदमे में हाजिर नही होने पर एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने विजमा समेत कई अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। कोर्ट में सरेंडर करने के बाद विजमा यादव को 26 नवम्बर तक के लिए अंतरिम जमानत मिली।
इससे पहले समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक विजमा यादव ने आज कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी थी। दोपहर में दो बजे के बाद उनके मामले में सुनवाई हुई। प्रयागराज जिले के प्रतापपुर से विजमा यादव दो बार विधायक रह चुकी हैं। उनके खिलाफ प्रयागराज के झूंसी थाना में मारपीट के साथ बंदूक लूटने का मामला दर्ज है। वह लंबे समय से इस प्रकरण में कोर्ट में पेश नहीं हो रही थीं। आज पूर्व विधायक विजमा यादव ने विशेष न्यायालय में सरेंडर किया। दोपहर दो बजे से उनको अंतरिम राहत देने पर बहस होगी। तब तक विधायक कोर्ट में रहेंगी। उनके इर्दगिर्द सुरक्षा के घेरा है।
विजमा यादव ने इस मामले में हाईकोर्ट में राहत देने की अर्जी दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक विजमा यादव की कोर्ट में हाजिर होने की अवधि बढ़ाने से इंकार करने के साथ उनकी याचिका भी खारिज कर दी थी। यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा ने दिया था। विजमा यादव पर डकैती और लूटपाट के आरोप में कोर्ट में केस चल रहा है। कोर्ट ने उन्हें समर्पण करने का समय देते हुए राहत दी थी। इससे पहले कोर्ट ने 23 फरवरी 2018 को झूसी के दरोगा पद्माकर राय सहित 11 आरोपियों को चार हफ्ते में समर्पण करने का निर्देश देते हुए इनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट पर रोक लगा दी थी, जिसका पालन नहीं किया गया।
विजमा यादव ने 29 जून 2005 को अपने साथियों के साथ शशि देवी के मकान को आग लगा दी थी और सारा सामान लूट लिया था। इसके बाद 30 जून को दूसरे मकान में भी लूटपाट की थी। शशि देवी ने विजमा और 11 अन्य लोगों पर 140 बोरा अनाज जला देने और छह दिन तक कानून के विपरीत थाने में बैठाए रखने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में अर्जी दायर की थी।