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धार्मिक स्थल तो खुल गए फिर भी पूजा सामग्री विक्रेताओं मुश्किल नहीं हुई कम Prayagraj News

मंदिरों सहित सभी धर्मस्थल सोमवार से खुलेंगे। सभी वर्ग के लोग अपने-अपने कृपानिधान का दर्शन पाने को लालायित हैं। वहीं ऐसे लाखों लोगों पर भगवान की कृपा बरसने में अभी लंबा वक्त लगेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 08:14 AM (IST)
धार्मिक स्थल तो खुल गए फिर भी पूजा सामग्री विक्रेताओं मुश्किल नहीं हुई कम Prayagraj News
धार्मिक स्थल तो खुल गए फिर भी पूजा सामग्री विक्रेताओं मुश्किल नहीं हुई कम Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च तो आज से खुल गए। हालांकि धार्मिक स्‍थलों के आसपास पूजा सामग्रियों की बिक्री करने वालों की मुश्किल ही है। इन सब का रोजगार महीनों तक डाउन ही रहने के आसार हैं। धर्मस्थलों में किसी को टीका नहीं लगाया जाना है, बाहर के प्रसाद मंदिरों में नहीं चढ़ेंगे। ऐसे में पूजा सामग्री बेचने वालों के सामने बड़ी समस्या है।

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मंदिर व सभी धर्मस्थल खुले

मंदिरों सहित सभी धर्मस्थलों में सोमवार से सभी वर्गों के लोग अपने-अपने ईष्‍ट का दर्शन पाने को लालायित हैं। वहीं ऐसे लाखों लोगों पर भगवान की कृपा बरसने में अभी लंबा वक्त लगेगा। यह वह लोग हैं जिनके बिना पूजा ही अधूरी रहती है। फल-फूल, प्रसाद और नारियल चुनरी आदि का उपयोग धर्मस्थलों में सरकार के अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा। विभिन्न धर्म के प्रमुखों का अनुमान है कि प्रयागराज शहर में ही पूजा-इबादत स्थलों की संख्या 1500 से अधिक है। पूजा सामग्री बेचने वालों की संख्या 50 हजार  से अधिक होने का अनुमान है। इनके परिवार के सदस्यों की बात करें तो फिर संख्या लाखों में पहुंच जाएगी।

हमारे धंधे के लिए भी जारी हो गाइडलाइन

लड्डू विक्रेता निर्भय कुमार द्विवेदी कहते हैं कि सरकार को हमारे धंधे के लिए भी गाइडलाइन जारी करनी चाहिए थी। आखिर हमें भी तो बच्चे पालने हैं।  प्रसाद अभी नहीं चढ़ाए जाने हैं यह बात ठीक है लेकिन, हम क्या करें यह बताने वाला कोई नहीं।

हमें तो जैसे खाए जा रहा कोरोना वायरस का संकट

कंठीमाला और शंख विक्रेता उज्‍ज्‍वल द्विवेदी ने कहा कि कोरोना का यह संकट हमें तो जैसे खाए ही जा रहा है। सोचा था मंदिर खुलेंगे तो कुछ राहत मिलेगी लेकिन, परिस्थितयों ने हमारे व परिवार के लिए मुसीबत पैदा कर दी है।

नाउम्मीद नहीं हैं हम

पूजा सामग्री विक्रेता ननकी निषाद कहती हैं कि इस उम्मीद के लिए दुकान खोलने की तैयारी कर रहे हैं कि बिक्री होगी। भगवान ने जैसे तब भूखा नहीं सुलाया है वही आगे भी उम्मीद है। सरकार पूजा सामग्री के लिए भी नियम बनाए।

पुस्तकों से ही हो सकता है धर्म-कर्म

धार्मिक पुस्तक विक्रेता रवि प्रकाश ने कहा कि धार्मिक पुस्तक की दुकान करते हैं, इतनी राहत है कि लोग पुस्तकें खरीदकर धर्म-कर्म के कार्य घर में ही कर सकते हैं। ऐसे में उम्मीद है कि किताबें बिकेंगी।

गुरुद्वारों में बाहर के प्रसाद की हमेशा से मनाही रही है

श्री गुरु सिंह सभा के अध्‍यक्ष सरदार जोगिंदर सिंह बोले कि गुरुद्वारों में साफ सफाई रखी जाती है। वहां प्रसाद बाहर से लाने की मनाही तो हमेशा से ही रही है। गुरुद्वारों के ग्रंथी ही प्रसाद बनाते व चढ़ाते हैं।  

फूल दुकानदारों के लिए व्यवस्था करे सरकार

फूल की थोक व्यापारी मीना देवी कहती हैं कि फूल से लोग परहेज कर रहे हैं, मंदिरों में भी फूल चढ़ाने की मनाही होने की बात पता चल रही है। इससे हजारों लोग जुड़े हैं। सरकार को चाहिए कि मंदिरों में फूल चढ़ाने की व्यवस्था भी किया जाए। फूल विक्रेता भुखमरी के कगार पर आए तो जिम्मेदार कौन होगा।


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