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Erectile Dysfunction : डायबिटीज से पौरुष क्ष‍मता में आ सकती है कमी, यह हम नहीं बल्कि शोध कहता है

Erectile Dysfunction शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार शुक्ल ने बताया कि विगत कुछ माह में फ्रोजेन शोल्डर गठिया तथा अन्य जोड़ों के दर्द से पीड़ित रोगियों पर एक शोध किया गया। इसमें प्रत्येक 100 रोगियों में से 38 रोगी मधुमेह से पीड़ित पाए गए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 11:18 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 11:18 AM (IST)
Erectile Dysfunction : डायबिटीज से पौरुष क्ष‍मता में आ सकती है कमी, यह हम नहीं बल्कि शोध कहता है
प्रयागराज के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार शुक्ल ने शोध किया है।

प्रयागराज, मनीष मिश्र। पटरी से उतरती जीवनशैली के कारण बढ़ रही तमाम रोगों की जनक डायबिटीज है। डायबिटीज यानी मधुमेह मर्दों को नामर्द बना रही है। यानी उनका दम कम हो रहा है। चौंकिए नहीं, यह एक हकीकत है। चिकित्सा विज्ञान की भाषा में हम इससे ईडी यानी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन भी कहते हैं। अनियंत्रित डायबिटीज के मरीज होशियार हो जाएं। क्योंकि आने वाले दिनों में आप भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का शिकार हो सकते हैं। इसमें हो सकता है कि पौरुष क्षमता में आश्चर्यजनक रूप से गिरावट आ जाए।

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शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार शुक्ल ने कहा

शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार शुक्ल ने बताया कि विगत कुछ माह में फ्रोजेन शोल्डर, गठिया तथा अन्य जोड़ों के दर्द से पीड़ित रोगियों पर एक शोध किया गया। इसमें प्रत्येक 100 रोगियों में से 38 रोगी मधुमेह से पीड़ित पाए गए। साथ ही उनमें से 25 रोगियों में अनियंत्रित रक्त शर्करा के कारण पौरुषता में कमी आई। ऐसे रोगी शर्म या झिझक के कारण अपने चिकित्सक से भी परामर्श लेने में परहेज करते थे।

बोले, मधुमेह के रोगियों में यह आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है

डॉ. अशोक कुमार शुक्ल ने कहा कि आम तौर पर माना जाता है कि 50 से 60 वर्ष के बीच के सामान्य पुरुष प्राकृतिक रूप से संसर्ग करने में अपने आपको कमजोर पाते हैं। मधुमेह के रोगियों में यह आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है कि जिन पुरुषों को 35 से 40 के बीच मधुमेह हो जाता है। वे सभी अगले 08 से 10 वर्षों में नपुंसकता के शिकार हो जाते हैं अगर उनकी शुगर अनियंत्रित रहती है।

डायबिटीज के मरीज यक करें

- अपने डॉक्टर से इस संबंध में निसंकोच बात करें।

- अपने रक्त शर्करा को नियंत्रित रखें। समय-समय पर जांच कराएं।

- कम से कम 45 मिनट खुली हवा में टहलें।

- अगर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के शिकार हैं तो झिझकें नहीं। अपने फिजीशियन से परामर्श लें क्योंकि इस समस्या का समाधान उन्हीं के पास है।

- अपने फिजियो थेरेपिस्ट से संपर्क करें। कुछ खास तरह की कसरतें कराने से भी निश्चित आराम मिलता है।

क्या न करें

- तंबाकू, शराब, गुटखा, सिगरेट तथा दूसरे साधनों का प्रयोग बिल्कुल न करें।

अगर आप हृदय रोगी भी हैं तो इस समस्या का शिकार जल्दी हो सकते हैं इसलिए देर न करें किसी कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें।

कुछ होमियोपैथी व आयुर्वेदिक दवाइयों में भी इसका निराकरण किया जा सकता है लेकिन डॉक्टर से संपर्क करके ही दवाओं का सेवन करें।


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