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शाखा प्रबंधक और टेक्निशियनों का बयान दर्ज

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : अतरसुइया के मीरापुर इलाके में बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से 23 ल

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 06:00 AM (IST)
शाखा प्रबंधक और टेक्निशियनों का बयान दर्ज
शाखा प्रबंधक और टेक्निशियनों का बयान दर्ज

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : अतरसुइया के मीरापुर इलाके में बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से 23 लाख 70 हजार रुपये गायब करने के मामले में पुलिस की जांच तेज हो गई है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कराने वाले शाखा प्रबंधक और एटीएम मशीन दुरुस्त करने, पासवर्ड तैयार करने समेत अन्य इंतजाम देखने वाले टेक्निशियनों का बयान दर्ज कर लिया। दोनों आरोपित कस्टोडियनों से पुलिस पूछताछ की तैयारी में है। पुलिस ने एडीएम बूथ के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज निकाली लेकिन उसमें कुछ खास सुराग नहीं मिल सके। इतना तो साफ है कि एजेंसी कर्मी की ही यह करतूत है।

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सेकुरीट्रांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी शहर के विभिन्न बैंकों के एटीएम में रुपये लोड कराती है। मीरापुर इलाके में बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम के कैश बॉक्स में रुपये लोड कराने की जिम्मेदारी इसी एजेंसी पर है। एजेंसी के शाखा प्रबंधक अशोक कुमार ने अतरसुइया थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि रुपये लोडिंग के दौरान 23 लाख 70 हजार रुपये गायब कर दिए गए। लोडिंग का काम एजेंसी के दो कस्टोडियन दिलीप निषाद पुत्र रोशन लाल निवासी अतरसुइया और जय सिंह पुत्र बालकृष्ण निवासी सीतापुर चित्रकूट करते थे। दोनों के पास एटीएम के अलग-अलग पासवर्ड थे, जिससे कैश बाक्स खुलता था। अगस्त से सितंबर के बीच लोडिंग के दौरान लाखों रुपये उड़ाए गए। मुकदमे में दोनों कस्टोडियनों को नामजद किया गया है लेकिन बीच में एजेंसी के इंजीनियर भी पहुंचे थे। इंजीनियरों ने मशीन खोली तो उन्हें कैश बॉक्स में रुपये न होने का पता चला। लाखों रुपये गायब करने के मामले में दोनों कस्टोडियनों के साथ टेक्निशियन भी शक के घेरे में हैं। एटीएम मशीन खराब होने के बाद भी उसमें समय पर रुपये लोड होते रहे। शिकायत के बाद भी मशीन ठीक करने की कोशिश नहीं हुई। ऐसे में एजेंसी के अन्य कर्मियों को भी संदिग्ध माना जा रहा है।

अतरसुइया थाना प्रभारी के मुताबिक, रिपोर्ट दर्ज कराने वाले शाखा प्रबंधक का बयान दर्ज करने के बाद दोनों टेक्निशियनों को बुलाया गया। उसने पूरे सिस्टम के बारे में पूछताछ हुई। इतना तो साफ हो गया है कि रुपये गायब करने में एजेंसी के किसी कर्मचारी का ही हाथ है। बाहर का आदमी बिना एजेंसी कर्मी के ऐसा नहीं कर सकता। आरोपित कस्टोडियनों के अलावा एजेंसी के अन्य कर्मचारी से पूछताछ होगी।


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