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उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग और शिक्षा निदेशालय के बीच पहेली बने अंग्रेजी भाषा के अभ्यर्थी, नहीं हो रही नियुक्ति

भर्ती विज्ञापन में अंग्रेजी साहित्य एवं समकक्ष का विकल्प दिया गया था। ऐसे में अंग्रेजी भाषा के दर्जनों अभ्यर्थी भी इस परीक्षा में शामिल हुए। विनीत कुमार के अनुसार परिणाम आया तो अंग्रेजी साहित्य के अभ्यर्थियों को प्रक्रिया पूर्ण करते हुए ज्वाइनिंग दे दी गई

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 01:30 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 01:30 PM (IST)
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग और शिक्षा निदेशालय के बीच पहेली बने अंग्रेजी भाषा के अभ्यर्थी, नहीं हो रही नियुक्ति
लोक सेवा आयोग ने मानी समकक्ष डिग्री, निदेशालय ने पुनर्विचार के लिए भेजा

प्रयागराज, राज्य ब्यूरो। तीन साल में भी एलटी-2018 की भर्ती पूरी होने का नाम ही नहीं ले रही है। हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय के सभी अभ्यर्थी अब तक नियुक्ति नहीं पा सके हैैं। इसी बीच अंग्रेजी भाषा नई समस्या के रूप में सामने आई है। इस विषय के अभ्यर्थी लोक सेवा आयोग से परीक्षा में चयनित होने के बाद भी नियुक्ति पाने के लिए भटक रहे हैैं। पहले लोक सेवा आयोग अंग्रेजी भाषा को अंग्रेजी साहित्य के समकक्ष मानने को तैयार नहीं था। मामला कोर्ट में जाने पर आयोग ने अपने पैनल की रिपोर्ट के आधार पर अंग्रेजी भाषा को अंग्रेजी साहित्य के समकक्ष मान लिया, लेकिन उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशालय (राजकीय) ने अंग्रेजी भाषा को नियमावली में न मानते हुए मामले को पुनर्विचार के लिए आयोग को भेज दिया।

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एलटी-2018 की परीक्षा में चयन के बाद भी नहीं मिल रही नियुक्ति

एलटी परीक्षा में अंग्रेजी भाषा के चयनित गजेंद्र प्रताप सिंह बुंदेला व विनीत कुमार के अनुसार भर्ती विज्ञापन में अंग्रेजी साहित्य एवं समकक्ष का विकल्प दिया गया था। ऐसे में अंग्रेजी भाषा के दर्जनों अभ्यर्थी भी इस परीक्षा में शामिल हुए। विनीत कुमार के अनुसार परिणाम आया तो अंग्रेजी साहित्य के अभ्यर्थियों को प्रक्रिया पूर्ण करते हुए ज्वाइनिंग दे दी गई, लेकिन अंग्रेजी भाषा के अभ्यर्थियों का मामला अर्हता अस्पष्टता के चलते रोक लिया गया। इस पर अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। यहां सिंगल बेंच में मामला खारिज हो गया, लेकिन डबल बेंच से फैसला अभ्यर्थियों के पक्ष में आया। इस बीच आयोग ने कोर्ट में अपने पैनल की रिपोर्ट सौंपकर अंग्रेजी भाषा को अंग्रेजी साहित्य के समकक्ष मान लिया। इसी आधार पर कोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को विषय पर समायोजित करने का आदेश दिया।

नियमावली में न होने का हवाला देकर नियुक्ति से इन्कार

इसके बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने अभ्यर्थियों के दस्तावेज आवेदन के साथ उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशालय (राजकीय) को भेज दिए, लेकिन शिक्षा निदेशालय ने इस विषय के नियमावली में न होने का हवाला देकर नियुक्ति से इन्कार कर दिया। अब अभ्यर्थी परेशान हैैं। आयोग उन्हें इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय भेज रहा है, जबकि निदेशालय कह रहा है कि यह विषय नियमावली में नहीं है। अभ्यर्थियों ने लोक सेवा आयोग के सचिव जगदीश और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय (राजकीय) को लिखित रूप से समस्या से अवगत कराते हुए निराकरण कर नियुक्ति दिए जाने की मांग की है। नियुक्ति न मिलने पर अभ्यर्थी फिर कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैैं।


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