करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए आपातकालीन द्वार बनाने की रूपरेखा तैयार
एडीजी एसएन साबत ने अलग-अलग जगहों पर कम से कम चार आपातकालीन द्वार तैयार करने के निर्देश दिए।
प्रयागराज : कुंभ मेला में यातायात व्यवस्था को लेकर सबसे अधिक माथापच्ची की जा रही है। शहर, आउटर और मेला क्षेत्र में जाम के हालात न बनें, श्रद्धालुओं के हजारों वाहन पार्किंग स्थल तक पहुंचे और पैदल निकलने वालों को जगह मिल सके, इसके मद्देनजर बुधवार को एडीजी एसएन साबत की अध्यक्षता में बैठक हुई। पुलिस लाइन सभागार में यातायात परामर्शदात्री समिति की बैठक में मेला क्षेत्र में पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए आपातकालीन द्वार बनाने की रूपरेखा तैयार की गई। एडीजी ने विभिन्न दिशाओं में इमरजेंसी रास्ते तैयार कर वहां सुरक्षा इंतजाम को लेकर निर्देश दिया।
यूं तो मेला क्षेत्र में प्रवेश और निकास के तमाम रास्ते हैं, लेकिन क्राउड मैनेजमेंट के तहत भीड़ अधिक होने पर आपातकालीन द्वार की विशेष व्यवस्था की जा रही है। एडीजी एसएन साबत ने अलग-अलग जगहों पर कम से कम चार आपातकालीन द्वार तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी विभागों के अधिकारियों से कहा कि वहां सुरक्षा के साथ अन्य इंतजाम पूरे किए जाएं। बैठक में कमिश्नर आशीष कुमार गोयल, आइजी मोहित अग्रवाल, आइजी रेलवे बीआर मीना, डीआइजी केपी सिंह, डीएम सुहास एलवाई, एसएसपी नितिन तिवारी मौजूद रहे।
एडीजी के मुताबिक, कुंभ के लिए पांच हजार शटल बसें चलनी हैं। ऐसे में साढ़े चार हजार बसें शहरी क्षेत्र में श्रद्धालुओं को लाने, ले जाने को होंगी। जबकि, पांच सौ बसें शहरी क्षेत्र से बाहर होंगी। इससे पार्किंग में वाहन खड़ा करने के बाद श्रद्धालु शहरी क्षेत्र में आ सकें। पार्किंग के रूट पर बसों की आवाजाही पैदल यात्रियों के बीच दुरुस्त करने के लिए यातायात पुलिस, पुलिसकर्मियों के साथ समाजिक संगठन के लोगों को जिम्मेदारी दी जा रही है। इसी प्रकार फाफामऊ, नैनी, शास्त्री ब्रिज पर वाहनों के आवागमन के दौरान जाम के हालात न बनें, इसे लेकर अभी से मंथन किया जा रहा है। आइजी मोहित अग्रवाल के मुताबिक, पार्किंग में सीसीटीवी की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है। पूरा पार्किंग क्षेत्र सीसीटीवी की जद में होगा। सीधे कंट्रोल रूम से मानीट¨रग होती रहेगी।