परिषदीय विद्यालयों की कक्षाओं में जलेगी लाइट, चलेंगे पंखे
लोक सभा या विधान सभा पोल के तहत पोलिंग सेंटर परिषदीय स्कूल बनाए जाते रहे हैं। इस बार गर्मी के दिनों पोल होने के कारण इन स्कूलों में बिजली और पंखों की व्यवस्था भी हो रही है।
विजय सक्सेना, प्रयागराज : लोकसभा चुनाव के बहाने ही सही, बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नए सत्र में बच्चे कक्षाओं में लाइट और पंखे की हवा के बीच पढ़ाई कर सकेंगे। सरकार ने जिले के ऐसे 1665 प्राथमिक तथा पांच उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बिजली की वायङ्क्षरग के लिए 3 करोड़ 50 लाख 70 हजार रुपये का बजट जारी कर दिया है। प्रत्येक विद्यालय को वायङ्क्षरग के लिए 15000 रुपये तथा पंखे एवं लाइट के लिए 6000 रुपये आवंटित होंगे।
बिजली कनेक्शन के लिए भी रकम स्वीकृत की जाती है
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की बिल्डिंग के निर्माण के बजट के साथ ही बिजली कनेक्शन के लिए भी रकम स्वीकृत की जाती है। बिल्डिंग तैयार होने के बाद वायङ्क्षरग के लिए बजट की व्यवस्था अलग से होती है। इसके लिए मानक तय है। पांच कमरों के विद्यालयों के लिए प्रति कक्ष तीन हजार रुपये की दर से वायरिंग की रकम स्वीकृत की जाती है, जबकि पंखे और लाइट के लिए प्रति विद्यालय छह हजार रुपये आवंटित होते हैैं।
कई स्कूल ऐसे, जिनमें बिजली कनेक्शन तो है पर वायरिंग नहीं
जिले में काफी विद्यालय ऐसे हैैं जिनकी बिल्डिंग तो है, बिजली का कनेक्शन भी है लेकिन बिजली की वायङ्क्षरग नहीं है। लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मतदान केंद्र बनाया जाता है। चुनाव तैयारी के दौरान मतदान केंद्र वाले विद्यालयों में बिजली की व्यवस्था की भी समीक्षा हुई थी, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यालयों में बिजली की वायङ्क्षरग न होने का पता चला। इसके बाद जिले के सभी खंड शिक्षाधिकारियों से रिपोर्ट लेने के बाद बीएसए कार्यालय ने बजट के लिए फाइल शासन को भेजी जहां से स्वीकृति मिल गई।
खास बातें
- 1665 प्राथमिक व पांच उच्च प्राथमिक विद्यालय में होगी व्यवस्था
- 15000 रुपये प्रत्येक विद्यालय में वायङ्क्षरग के लिए स्वीकृत
- 6000 रुपये पंखे और लाइट के लिए किए गए हैैं स्वीकृत
कमरों की संख्या अधिक होने पर प्रारंभिक कक्षाओं को प्राथमिकता
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयो में वायङ्क्षरग समेत पंखे और लाइट लगाने के लिए प्रारंभिक कक्षाओं को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत जिन विद्यालयों में कक्षों की संख्या पांच से अधिक होगी, वहां सबसे पहले बरामदे को वायङ्क्षरग से छोड़ा जाएगा। उसके बाद प्रधानाध्यापक के कक्ष को फिर वरिष्ठतम कक्षा वाले कक्ष को छोड़ दिया जाएगा। विद्युतीकरण में निचली कक्षाओं को प्राथमिकता मिलेगी।
बोले बीएसए
बीएसए संजय कुमार कुशवाहा कहते हैं कि जिस मद के लिए धनराशि स्वीकृत हुई है, व्यय सिर्फ उसी में किया जाएगा। विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) द्वारा वायङ्क्षरग एवं विद्युतीकरण के काम कराए जाएंगे। किसी तरह की अनियमितता के लिए खंड शिक्षाधिकारी एवं एसएमसी उत्तरदायी होगी।
नगर शिक्षा अधिकारी ने कहा
नगर शिक्षा अधिकारी ज्योति शुक्ला कहती हैं कि खंड शिक्षाधिकारियों से आंतरिक वायङ्क्षरग, पंखे, लाइट की आवश्यकता के बारे में पूछा गया है। यह ब्योरा उन्हें एक प्रारूप पर भरकर देना होगा। इसके बाद रकम एसएमसी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।