इलेक्ट्रिक बसों का किराया प्रयागराज में आटो से बहुत कम, सफऱ आरामदेह मगर अभी यात्री मिल रहे कम
20 किमी के सफर में आटो से 40 रुपये व इलेक्ट्रिक बस में मात्र 30 रुपये देने होते है। एक इलेक्ट्रिक बस से औसतन प्रतिदिन 140 यात्रियों सफर कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक बसों से पर्यावरण संरक्षण हो रहा है। डीजल की उपयोगिता ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण नहीं है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। संगम नगरी में आधुनिक और आरामदेह एसी बसें चलने लगी हैं। मौजूदा समय में यहां 25 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है। इनका किराया आटो रिक्शा से बहुत कम है। लेकिन, यात्री नहीं मिल रहे हैं। आटो में न्यूनतम किराया दस रुपया है, फिर भी आटो पूरी भरी, नियमों का उल्लंघन कर दौड़ रही हैं।
पांच रुट पर दौड़ रही हैं इलेक्ट्रिक बस
31 दिसंबर से इलेक्ट्रिक बसों को पांच रूटों पर चल रही हैं। परिवहन निगम यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए माथापच्ची कर रहा है। शनिवार को न्यू शांतिपुरम से रेमंड फैक्ट्री की तरफ जा रही बस पर मात्र छह यात्री नजर आए और 22 सीटें खाली रही। यही हाल पूरे दिन रहता है। परिचालक ने बताया कि धीरे धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। जो एक बार यात्रा कर रहे वह दोबारा भी बस में बैठते हैं। आटो में न्यूनतम किराया 10 रुपये है जबकि इलेक्ट्रिक बसों में भी न्यूनतम किराया 10 रुपये है। लेकिन तीन किलोमीटर से अधिक यात्रा करने पर इलेक्ट्रिक बसों में डेढ़ गुना कम किराया लगता है। 20 किमी के सफर में आटो से 40 रुपये व इलेक्ट्रिक बस में मात्र 30 रुपये देने होते है। एक इलेक्ट्रिक बस से औसतन प्रतिदिन 140 यात्रियों सफर कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक बसों से पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है। डीजल की उपयोगिता नहीं है, ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण नहीं है।
15 दिन में 2180 यात्रियों ने किया सफर
15 दिनों में जंक्शन से लालगोपालगंज, सिविल लाइंस से प्रतापपुर, न्यू शांतिपुरम से रेमंड, बैरहना से शंकरगढ़, झूंसी से पूरामुफ्ती तक चली इलेक्ट्रिक बसों से 2180 यात्रियों ने सफर किया। औसतन 31 हजार रुपये प्रतिदिन कमाई हुई। क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस विसेन ने बताया कि बस के बारे में प्रचार प्रसार करने से लेकर लोगों को इसकी सुविधाओं की जानकारी दी जा रही है। नए रूटों पर भी विचार चल रहा है और बसें भी आनी हैं। धीरे धीरे यह बसें अधिक यात्रियों को अपनी सुविधाएं देने लगेंगी।