निर्दलीय सदस्यों के सहारे प्रयागराज में जिला पंचायत अध्यक्ष पद हासिल करने की तैयारी, अपने पाले में लाने की कोशिश
जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख का चुनाव 25 मई तक कराना था। लेकिन कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इस तिथि चुनाव हो पाना मुश्किल लग रहा है। अगर मई महीने में कोरोना का संक्रमण कुछ हुआ तो जून में चुनाव कराया जा सकता है।
प्रयागराज, जेएनएन। जिला पंचायत सदस्यों का परिणाम घोषित होने के बाद अब अध्यक्ष पद के दावेदार जीत का समीकरण बनाने लगे हैं। हर बार की तरह इस बार भी जिला पंचायत सदस्यों में निर्दलीयों की संख्या ज्यादा है। वह जिधर झुक जाएंगे, उसी को अध्यक्ष बनाना तय है। लेकिन यह सभी निर्दल एक साथ किसी की ओर नहीं जाएंगे। इसलिए अध्यक्ष के दावेदार इनको लुभाने में जुट गए हैं।
अध्यक्ष पद के लिए 43 सदस्यों का चाहिए वोट
जिला पंचायत सदस्य की कुल 84 सीटे हैं। बुधवार की सुबह तक इसके सभी परिणाम आ गए हैं। मंगलवार की आधी रात तक 78 परिणाम घोषित हुए थे। सुबह तक बची हुई छह सीटों के भी परिणाम घोषित कर दिए गए। सभी परिणाम होने आने के बाद अब अध्यक्ष की कुर्सी के लिए जोड़तोड़ शुरू हो गई है। अध्यक्ष बनने के लिए 43 सदस्यों का वोट चाहिए। लेकिन इतने सदस्य किसी भी पार्टी के पास नहीं है। सपा ने अपने 38 प्रत्याशियों के जीतने का दावा किया है। चूंकि सपा ने चुनाव से उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित नहीं की थी, इसलिए यह इनका दावा ही कहा जाएगा। भाजपा ने जो प्रत्याशी घोषित किए थे, उसमें 14 को जीत मिली है। इसके अलावा बसपा को छह, अपना दल एस और आप को दो-दो जबकि कांग्रेस को एक सीट पर जीत हासिल हुई है। किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है, इसलिए सभी निर्दलीय के भरोसे हैं। जो प्रत्याशी जितने निर्दलीय को अपनी ओर कर लेगा, उसकी जीत पक्की है।
कोरोना के चलते चुनाव में होगी देरी
जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख का चुनाव 25 मई तक कराना था। लेकिन कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इस तिथि चुनाव हो पाना मुश्किल लग रहा है। अगर मई महीने में कोरोना का संक्रमण कुछ हुआ तो जून में चुनाव कराया जा सकता है।
बागियों को साधने में जुट गए भाजपाई
जिला पंचायत चुनाव में जो प्रत्याशी बनाए गए थे, उनसे ज्यादा तो बागी जीत गए हैं। इसलिए अध्यक्ष के दावेदार अब उनको मनाने में जुट गए हैं। भाजपाइयों ने बताया कि निवर्तमान अध्यक्ष रेखा सिंह और डॉ. वीके सिंह टिकट मांग रहे हैं। चूंकि भाजपा से 14 प्रत्याशी ही जीते हैं, इसलिए दावेदार कम होंगे। चुनाव से पहले जो अध्यक्ष का दावा करने वाले कई प्रत्याशी पहले ही हार गए। इनमें प्रमुख नाम वार्ड 54 से सुबोध सिंह, बहादुरपुर प्रथम से आशीष व मऊआइमा चतुर्थ से कुलदीप पांडेय है। फिलहाल फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल और इलाहाबाद सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने सभी विजेताओं को बधाई देते हुए विकास में प्रदेश सरकार से कदम मिलाकर चलने का आह्वान किया है।
जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा पड़ी भारी
पंचायत चुनाव में इस बार टिकट बंटवारे का दायित्व संगठन के पदाधिकारियों को दिया गया था। माना जा रहा है कि जमीनी नेताओं की उपेक्षा हुई। सही प्रत्याशियों को टिकट नहीं मिला। इसलिए पुराने कार्यकर्ता बागी हुए और उसमें कई जीते भी।