इलाहाबाद हाई कोर्ट की सख्ती का असर, शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क से हट रहा अवैध कब्जा
इलाहाबाद हाई कोर्ट की सख्ती के बाद जिला प्रशासन ने आजाद पार्क में लोगों की एंट्री बंद कर दी। इसके बाद सभी गेट को बंद कर दिया गया। गेट बंद करने के बाद शहीद चंद्रशेखर आजार पार्क के अंदर हुए अवैध निर्माण को गिराने की प्रक्रिया शुरू हुई।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट की सख्ती के बाद गुरुवार को जिला प्रशासन ने अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क से अवैध कब्जा हटाने का काम शुरू कर दिया है। प्रशासनिक कार्रवाई के तहत आजाद पार्क परिसर में हुए अवैध अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। यह कार्रवाई आज शाम तक चलेगी। हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि 1975 के बाद आजाद पार्क परिसर में जो भी निर्माण कराए गए हैं, वह सब अवैध हैं। इन अवैध कब्जों को तत्काल हटा कर आठ अक्टूबर को सूचित करें।
दोपहर में आजाद पार्क का गेट बंद कर दिया गया और कार्रवाई शुरू हुई
इलाहाबाद हाई कोर्ट की सख्ती के बाद प्रयागराज का जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। गुरुवार को आजाद पार्क में दोपहर बाद लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया, गेट पर ही सभी को रोक दिया गया। इसके बाद सभी गेट को बंद कर दिया गया। गेट बंद करने के बाद शहीद चंद्रशेखर आजार पार्क के अंदर हुए अवैध निर्माण को गिराने की प्रक्रिया शुरू हुई।
प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में अवैध निर्माण ढहाया जा रहा है
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि चंद्रशेखर आजाद पार्क परिसर में मंदिर, मस्जिद और मजार अवैध रूप से बनाए गए थे। इसके अलावा प्रयाग संगीत समिति और हिंदुस्तानी एकेडमी की ओर से भी कुछ अवैध निर्माण कराए गए थे। इन निर्माण को भी गिराया जा रहा है। आज शाम तक सभी अवैध निर्माण गिरा कर शुक्रवार को हाई कोर्ट में इसकी रिपोर्ट पेश की जाएगी।
जिमखाना क्लब, मंदिर व मस्जिद के बाहर अवैध कब्जा हटाया गया था
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भी शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क परिसर में बने जिमखाना क्लब को अवैध कब्जा से मुक्त कराया गया था। जिमखाना की बिल्डिंग स्टेडियम से सटकर बनी थी लेकिन इसका संचालन खेल विभाग से इतर ही था। वहां काबिज लोगों को प्रशासन ने हटवाया था। जिमखाना क्लब खेलकूद गतिविधियों के लिए बनाया गया था लेकिन इस पर कब्जा था। इसी प्रकार आजाद पार्क में मस्जिद परिसर को छावनी बनाकर अवैध कब्जा किया गया था। वहीं मंदिर के बाहर भी अतिक्रमण था। पार्क में ही कुछ मजाद भी बनाई गई थी। उसे भी खाली कराया गया था। पार्क में बढ़ते अतिक्रमण को देखते हुए हाई कोर्ट में पीआइएल दाखिल किया गया था। इस पर कोर्ट ने सख्ती बरती थी।