Lalloo ji and Sons के खिलाफ धोखाधड़ी की जांच आर्थिक अपराध शाखा करेगी, 2019 में प्रयागराज कुंभ मेला का मामला
प्रयागराज कुंभ मेला 2019 समाप्त होने के बाद जो बिल दिया गया उसमें 109.85 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ लेने व राजकोषीय धन को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। जाली हस्ताक्षर बनाए गए। जिन कर्मचारियों के हस्ताक्षर हुए थे उन्होंने साफ इंकार कर दिया।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज के दारागंज थाने में पिछले वर्ष लल्लू जी एंड संस समेत 11 लोगों के खिलाफ दर्ज कराए गए 109.85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) द्वारा अब जांच की जाएगी। हालांकि, इसकी सुगबुगाहट शुरू से ही मिलने शुरू हो गई थी। इतने बड़े मामले को लेकर दारागंज पुलिस पहले से ही यह कह रही थी कि इसकी जांच किसी दूसरी शाखा से कराई जाएगी और आखिर में ऐसा ही हुआ।
अपर मेलाधिकारी कुंभ मेला ने लिखवाया था मुकदमा
अपर मेलाधिकारी कुंभ मेला दयानंद प्रसाद ने दारागंज थाने में पिछले वर्ष दिसंबर माह में तहरीर दी थी। इसमें कहा गया था कि 15 जनवरी 2019 से शुरू हुए कुंभ मेले की तैयारी के लिए टेंट, टीन व फर्नीचर की आपूर्ति को मेसर्स लल्लू जी एंड संस को ठेका मिला था। सामानों को किराए पर देने के लिए प्राधिकरण व मेसर्स लल्लू जी एंड संस (एजेंसी) के बीच 16 नवंबर 2018 को अनुबंध हुआ था। मेला समाप्त होने के बाद जो बिल दिया गया उसमें 109.85 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ लेने व राजकोषीय धन को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। जाली हस्ताक्षर बनाए गए। जिन कर्मचारियों के हस्ताक्षर हुए थे, उन्होंने साफ इंकार कर दिया, जिस वजह से एफआइआर दर्ज होनी चाहिए।
इनके खिलाफ दर्ज हुई थी एफआइआर
पुलिस ने मेसर्स लल्लू जी एंड संस के अलावा नई दिल्ली के रमेश कुमार अग्रवाल, प्रयागराज के जगदीश कुमार अग्रवाल, विनोद कुमार अग्रवाल, लखनऊ के सुनील अग्रवाल, नई दिल्ली के विपुल अग्रवाल, मुकुल अग्रवाल और रामबाग के हिमांशु अग्रवाल, निखिल अग्रवाल, उपांशु कुमार और दीपांशु कुमार अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।