बाजरा की रोटी खाइए, हड्डियों के रोग भगाइए, सर्दी में भी मिलेगी शरीर को भरपूर गर्मी
बाजरे का सेवन करने से कैल्शियम की कमी से होने वाला आस्टियोपोरोसिस रोग नहीं होता इसके अलावा लीवर से संबंधित रोगों में भी यह लाभकारी होता है। बाजरा लीवर को मजबूत करता है। इसके सेवन से कब्ज नहीं होता और पेट भी साफ रहता है।
प्रयागराज, जेएनएन। बाजरे की बनी रोटी का स्वाद जिनता अच्छा होता है उससे कई गुना अधिक उसमें गुण भी भरे होते हैं। बाजरे की रोटी खाने से शरीर में कैल्शियम के साथ ही रक्त की कमी नहीं होती है जिससे हड्डियों से संबंधित रोगों के साथ खून की कमी से होने वाला रोग एनीमिया नहीं होता है। सर्दी के समय बाजरा का सेवन करने से शरीर को गर्मी भी मिलती है। ऐसे में गुणकारी बाजरा के सेवन की सलाह चिकित्सक भी देते हैं।
हड्डी और लीवर से संबंधित रोगों में भी है लाभकारी
बाजरे का सेवन करने से कैल्शियम की कमी से होने वाला आस्टियोपोरोसिस रोग नहीं होता, इसके अलावा लीवर से संबंधित रोगों में भी यह लाभकारी होता है। बाजरा लीवर को मजबूत करता है। इसके सेवन से कब्ज नहीं होता और पेट भी साफ रहता है। बाजरा में प्रचुर मात्रा में आयरन पाए जाने से शरीर में रक्त की कमी नहीं होने पाती है।
गेहूं और चावल के मुकाबले बाजरे से मिलती है कई गुना ऊर्जा
बाजरे में भरपूर कैल्शियम व आयरन पाया जाता है। ऐसे में इसका सेवन करने से गेहूं और चावल के मुकाबले शरीर को कई गुना ऊर्जा मिलती है। आयुर्वेदाचार्य डा. भरत नायक कहते हैं कि बाजरे का प्रयोग रोटी ही नहीं किसी भी रूप में करना हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता है। पहले के जमाने में बाजरा, मक्का, कोदो, सावां आदि का प्रयोग लोग खानपान में खूब करते थे लेकिन बाद में महीन चावल व गेहंू के आगे लोग पुराने खाद्यान्न को भूल गए।
उच्च रक्तचाप, अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए है टॉनिक
उच्च रक्तचाप, अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए बाजरा टॉनिक का कार्य करता है। बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं के लिए भी लाभकारी है। बाजरा का सेवन करने से उनमें दूध की कमी नहीं होती है। इसका नियमित सेवन कुपोषण और क्षरण संबंधी रोगों में भी फायदेमंद है।
कोलेस्ट्राल और शरीर में शुगर को करता है नियंत्रित
बाजरे में लेसिथिन और मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल होते हैं जो शरीर में अतिरिक्त वसा को हटाते हैं जिससे कोलेस्ट्राल नहीं बढ़ता है। रक्त में शक्कर की मात्रा को भी बाजरा नियंत्रित करता है। माइग्रेन में भी यह सहायक है।