ये हैं प्रयागराज के तुलसी वाले तिवारी जी, Coronavirus संक्रमण काल में लोगों में बांट चुके हैैं गुणकारी तुलसी का पौधा
तुलसी के महत्व को देखते हुए घियानगर कॉलोनी निवासी इफको कर्मी रामचंद्र तिवारी ने कोरोना संक्रमण काल में लोगों को तुलसी के महत्व को बताते हुए सैकड़ों लोगों को तुलसी के पौधे प्रदान किए। बताया कि तुलसी का पौधा आध्यात्मिक दृष्टि के साथ औषधीय गुणों से भरपूर है।
प्रयागराज, जेएनएन। पौराणिक समय से लेकर आधुनिक काल में भी भारत में आयुर्वेदिक वनस्पतियों का महत्व है। इसके चलते देश में पैदा होने वाले मसालों के अतिरिक्त आध्यात्मिक एवं गुणकारी तुलसी अधिक फायदेमंद है। कोरोना काल में तुलसी के काढ़ा का विशेष महत्व रहा। लोग कोरोना वायरस से बचाव के लिए तुलसी के पत्ते का प्रयोग किया और इस महामारी में अपने आप को बचाने में काफी हद तक सफल रहे।
तुलसी के महत्व को देखते हुए घियानगर कॉलोनी निवासी इफको के विद्युत विभाग में कार्यरत रामचंद्र तिवारी ने पूरे कोरोना संक्रमण काल में लोगों को तुलसी के महत्व को बताते हुए सैकड़ों लोगों को तुलसी के पौधे प्रदान किए। रामचंद्र तिवारी ने बताया कि तुलसी का पौधा आध्यात्मिक दृष्टि के साथ औषधीय गुणों से भरपूर है। इससे मनुष्य में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है तथा इसके प्रयोग से शरीर में होने वाले अन्य विकार के लिए भी संजीवनी हैं।
कोरोना काल में तुलसी के काढ़े का किया सेवन
उन्होंने घिया नगर कॉलोनी में रहने वाले बहुत से लोगों को तुलसी के महत्व को बताते हुए तुलसी की श्यामा प्रजाति के पौधे दिए। इसके अतिरिक्त फूलपुर समेत गंगापार के सैकड़ों गांवों के लोगों ने गुणकारी तुलसी को ले जाकर आंगन में लगाकर जहां कोरोना काल में इसका काढ़ा पिया है, वहीं कार्तिक माह में उपासना भी की। यही नहीं भदोही तथा जौनपुर के लोगों ने भी गुणकारी तुलसी के पौधे को यहां से ले जाकर अपने घरों में लगाए हैं।
बोले रामचंद्र-तुलसी की श्यामा प्रजाति का अलग है महत्व
रामचंद्र तिवारी ने बताया कि बाबूगंज गांव निवासी जैनुल आब्दीन, भोगवारा गांव निवासी सत्यकांत शुक्ला, मलथूआ गांव निवासी रामाश्रय बिंद, सहसों निवासी अरुण प्रकाश के अतिरिक्त बहुत लोगों ने इसके औषधीय गुणों के कारण स्वयं ही जागरूक होकर उनके यहां से पौधे ले गए हैैं। तुलसी की श्यामा प्रजाति आध्यात्मिक एवं औषधीय गुणों के कारण ज्यादा महत्वपूर्ण है। कोरोना काल से लेकर लगातार तुलसी के पौधे को लोग ले जा रहे हैं। जिसे रामचंद्र अपने घर पर तैयार कर लोगों को वितरित कर रहे हैं।
हर घर के आंगन के लिए महत्वपूर्ण
आचार्य ओम प्रकाश शास्त्री ने बताया कि हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले सभी घरों के आंगन में अनिवार्य रूप से तुलसी का पौधा होना चाहिए। क्योंकि धर्म ग्रंथों में तुलसी को साक्षात मां लक्ष्मी का रूप माना गया है। परिवार के सभी सदस्यों को नित्य तुलसी में जलाभिषेक करना चाहिए। तुलसी घर की सुख-समृद्धि के साथ कष्टों के निवारण के लिए मानी जाती हैं।
जैव वैज्ञानिक ने कहा कि औषधीय गुणों से भरपूर है तुलसी
कोरडेट के जैव वैज्ञानिक डॉ. हरीश चंद्र ने बताया कि तुलसी का आध्यात्मिक महत्व के साथ साथ औषधीय गुणों से भरपूर होने के नाते इसका महत्व अधिक है। कोरोना काल में सभी चिकित्सा विशेषज्ञों ने तुलसी के पत्ते का काढ़ा बनाकर नित्य सेवन की सलाह दी। तुलसी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की क्षमता के साथ स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याओं के निदान के साथ बुखार के लिए इसका काढ़ा रामबाण का काम करता है। इसलिए सभी व्यक्ति को तुलसी का सेवन करना चाहिए। उन्होंने बताया वैसे तो तुलसी की पांच प्रजातियां होती हैं, लेकिन अपने यहां दो ही प्रजातियां रामा तथा श्यामा तुलसी ज्यादा प्रचलित है। जिसमें सबसे अधिक आध्यात्मिक महत्व तथा औषधीय गुण श्यामा तुलसी में होता है।
विधि-विधान से धूप-दीप से तुलसी की पूजा अर्चना की गई
इसी प्रकार कार्तिक माह में सभी सनातन धर्मावलंबियों के घर-आंगन में विधि-विधान से धूप-दीप से तुलसी की पूजा अर्चना की गई है। बुधवार को को तुलसी विवाह के दिन सभी घरों में विष्णु भगवान के साथ ही माता तुलसी की भी पूजा की गई।