मंदी की आहट से आटा, दाल, चावल और तेल की 30 फीसद बिक्री घटी Prayagraj News
ग्रामीण क्षेत्र के कारोबारियों का थोक बाजार मुट्ठीगंज में पहले की तुलना में आना कम हुआ है। आटा दाल चावल आदि सामग्रियों के थोक व्यापार पर मंदी की मार दिख रही है। कारोबारी परेशान हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। मंदी की वजह से किराना व्यापारियों की बिक्री पर भले असर न पड़ा हो लेकिन आटा, दाल, चावल, गुड़, चीनी, तेल और घी का थोक कारोबार करने वाले प्रभावित हुए हैं। इन सामग्रियों की बिक्री पिछले चार-पांच महीनों में करीब 25 से 30 फीसद तक घटी है। इसकी वजह थोक बाजार मुट्ठीगंज में बाहरी व्यापारियों का रुझान कम होना है।
बाजार की अस्थिरता के कारण व्यापारी स्टॉक को बचाकर नहीं रखना चाहते
आटा, दाल, चावल, सूजी, मैदा, बेसन, तेल, घी, गुड़, चीनी आदि के लिए जिले का सबसे बड़ा थोक बाजार मुट्ठीगंज है। पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र शंकरगढ़, जसरा, घूरपुर, जारी, नारी-बारी, लेडिय़ारी, करछना, मेजा, भारतगंज के थोक व्यापारी सामान खरीदने आते थे, लेकिन चार-पांच महीने से इन क्षेत्रों के व्यापारियों का आना कम हो गया है। इसकी खास वजह यह मानी जा रही है कि बाजार की अस्थिरता के कारण व्यापारी स्टॉक को बचाकर नहीं रखना चाहते। लिहाजा, वह अपनी जरूरत भर की चीजें ही खरीद रहे हैं।
इलाहाबाद गल्ला, तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने कहा
इलाहाबाद गल्ला, तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि चार-पांच महीने पहले प्रतिदिन 10 से 15 ट्रक आटा, मैदा, सूजी बाजार में आता था और बिक जाता था। वहीं अब यह संख्या घटकर 8-10 ट्रक हो गई है। शहरी क्षेत्र में जितनी बिक्री होती थी, उसमें कमी नहीं आई है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले कारोबारियों की संख्या में गिरावट आई है। तेल के थोक कारोबारी सुरेश केसरवानी का कहना है कि मंदी के अलावा बारिश का भी कुछ असर है। ग्रामीण व्यापारी ज्यादा स्टॉक नहीं रखना चाहता है, खराब होने की संभावना रहती है। 20-25 दिन में बाजार में तेजी आने की उम्मीद है।
यहां आई इतनी गिरावट
-आटा, मैदा, सूजी की बिक्री में 15 से 20 फीसद
-गुड़, चीनी की बिक्री में 10 से 15 फीसद
-तेल, घी की बिक्री में 30 से 40 फीसद
-दाल और चावल की बिक्री में 20 से 25 फीसद