नाले का पानी जा रहा है गंगा में, अफसरों को नहीं परवाह
गंगा की स्वच्छता को लेकर केंद्र और राज्य सरकार युद्ध स्तर पर प्रयासरत हैं। इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिया गया है। इसके बावजूद गंगा की स्वच्छता को लेकर अफसर ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।
कौशांबी, जेएनएन। गंगा की स्वच्छता को लेकर केंद्र और राज्य सरकार युद्ध स्तर पर प्रयासरत हैं। इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिया गया है। इसके बावजूद गंगा की स्वच्छता को लेकर अफसर ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। यही वजह है कि कड़ा स्थित शीतला धाम का गंदा पानी बिना किसी अवरोध के सीधे गंगा में जा रहा है। इससे गंगा का पानी दूषित हो रहा है मगर जिम्मेदार आला अधिकारी बेफिक्र बने हुए हैं।
कागज पर ही हैं स्वच्छता के फैसले
गंगा की स्वच्छता व निगरानी के लिए गंगा सुरक्षा समिति का गठन किया गया है। समिति के अध्यक्ष डीएम व सचिव डीएफओ हैं। समिति की जिम्मेदारी है कि वह गंगा को स्वच्छ रखने के लिए ठोस कदम उठाए। गंगा सुरक्षा समिति के सदस्य विनय पांडेय का कहना है कि पूर्व में हुई बैठक में फैसला भी लिया गया था। सीवर टैंक बनाकर नाले के पानी को गंगा में जाने से रोका जाए, लेकिन फैसले केवल कागजों पर ही सीमित हैं। बैठक के फैसले को लागू नहीं कराया गया है। गंगा सुरक्षा समिति के विनय पांडेय व पंडा समाज के अध्यक्ष आत्म प्रकाश का कहना है कि स्वच्छता के नाम पर गंगा के घाट पर केवल बोर्ड ही शोभा बढ़ा रहे।
सीवर टैंक बनाने का दिया है प्रस्ताव
हालत यह है कि शीतला धाम का नाला सीधे गंगा नदी में गिर रहा है। बारिश की वजह से समस्या और भी बढ़ गई है। गंदे पानी को नाले में जाने से रोकने के लिए कई बार तहसील प्रशासन व डीएफओ से शिकायत की गई थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया है। इस संबंध में प्रभागीय वन अधिकारी का पीके सिन्हा कहना है कि नमामि गंगा योजना से सीवर टैंक बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर बजट की मांग की गई है। धन मिलने के बाद गंदे पानी को रोकने के लिए सीवर टैंक बनवाया जाएगा।