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मंदी के बाद Automobile सेक्टर पर Coronavirus की मार, बिक्री हुई कम Prayagraj News

ऑटोमोबाइल सेक्‍टर से जुड़े लोग परेशान हैं। पहले ही मंदी के दौर से गुजर रहे ऑटोमोबाइल सेक्टर पर कोरोना वायरस की मार पड़ी है। इससे वाहनों की बिक्री कम हो गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 21 Mar 2020 05:57 PM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 07:32 AM (IST)
मंदी के बाद Automobile सेक्टर पर Coronavirus की मार, बिक्री हुई कम Prayagraj News
मंदी के बाद Automobile सेक्टर पर Coronavirus की मार, बिक्री हुई कम Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रहे ऑटोमोबाइल सेक्टर पर अब कोरोना वायरस का खौफ छाया है। इस वायरस के संक्रमण के डर का असर बीएस-4 मॉडल के वाहनों (दो और चार पहिया) की बिक्री पर भी पड़ा है। 31 मार्च तक स्टॉक खपाने के लिए कंपनियां पहले से ही विशेष छूट दे रही हैं। वहीं पिछले कुछ रोज से ग्राहकों के घर से न निकलने से कई एजेंसियों में स्टॉक डंप हैं। ऐसे में अगर इस मॉडल की गाडिय़ों की बिक्री की समय सीमा नहीं बढ़ी तो स्टॉक खत्म होना मुश्किल है। दोहरी मार झेल रहे इस सेक्टर से जुड़े लोगों ने समय सीमा बढ़ाए जाने की मांग की है।

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31 मार्च के बाद बीएस-4 वाहनों की बिक्री पर रोक लग जाएगी

बाजार में 31 मार्च के बाद बीएस-4 वाहनों की बिक्री पर रोक लग जाएगी। हालांकि, 31 मई तक समय सीमा बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आटोमोबाइल कंपनियों की तरफ से इंटरलोकेटरी एप्लीकेशन दाखिल की गई है। हीरो के हर एजेंसी पर औसतन डेढ़ हजार, टाटा की चार पहिया में 40-45 और दो पहिया में लगभग 120 गाडिय़ों के स्टॉक हैं।

दो और चार पहिया गाडिय़ों पर ऑफर

अलग-अलग कंपनियां अलग-अलग ऑफर दे रही हैं। स्कूटर में 10 हजार रुपये, प्रीमियम बाइक पर साढ़े 12 हजार, 100 और 125 सीसी गाडिय़ों में चार से पांच हजार रुपये के ऑफर दिए जा रहे हैं। चार पहिया वाहनों में 50 हजार से एक लाख रुपये तक के ऑफर हैं।

क्या कहते हैं डायरेक्टर, जीएम और सेल्स मैनेजर

एक सप्ताह के लिए ही गाडिय़ों का स्टॉक है लेकिन गाडिय़ां नहीं बिक रही हैं। नवरात्र में बिक्री की उम्मीद है पर यही स्थिति रही तो गाडिय़ां नहीं बिकेंगी। 31 मार्च के बाद बीएस-फोर गाडिय़ां बंद करने का कोर्ट का निर्णय तीन साल पुराना है, इसलिए तिथि बढऩे की उम्मीद कम है। हालांकि, आरटीओ कार्यालय के बंद होने की दशा में समय बढ़ाना चाहिए।

- राहुल अग्रवाल, नवाब यूसुफ रोड स्थित एक एजेंसी के डायरेक्टर

गाडिय़ां तभी बिकेंगी, जब ग्राहक आएंगे। कोरोना के कारण गाडिय़ों की बिक्री नहीं हो रही है। ऐसी स्थिति में कोर्ट को समय सीमा बढ़ाना चाहिए। जिन गाडिय़ों की बुकिंग पहले हुई है, टैक्स जमा करने के बाद ही उसे भी दिया जा रहा है। आरटीओ दफ्तर में भी काम प्रभावित हो रहा है।

-मनीष मिश्रा, सिविल लाइंस स्थित एक एजेंसी के महाप्रबंधक

हीरो की हर एजेंसी में औसतन डेढ़ हजार गाडिय़ों का स्टॉक है। इधर लोगों के न निकलने से बिक्री में कमी आई है, ऐसी स्थिति में 31 मार्च तक स्टॉक खत्म हो पाना मुश्किल है। आरटीओ दफ्तर में कामकाज भी प्रभावित हो रहा है, इसलिए समय बढ़ाया जाना चाहिए। अगर 31 मई तक समय बढ़ जाएगा तो स्टॉक खत्म हो जाएगा। 

- दीपक श्रीवास्तव, सिविल लाइंस स्थित एक एजेंसी के महाप्रबंधक

हमारी एजेंसी में बीएस-4 वाहनों के स्टॉक नहीं हैं। फरवरी में ही स्टॉक खत्म हो गए। अब सिर्फ बीएस-6 वाहन ही बेचे जा रहे हैं। हालांकि जिन गाडिय़ों की बिलिंग बहुत पहले हुई है और खरीदार रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके हैं, उनके लिए विशेष आग्रह पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए समय सीमा में छूट दी जाए।

- आलोक श्रीवास्तव, एसपी मार्ग स्थित एक एजेंसी के सेल्स मैनेजर

बीएस-4 गाडिय़ों का प्रोडक्शन कंपनियों ने पहले ही बंद कर दिया है। बीएस-6 मॉडल की गाडिय़ां जनवरी-फरवरी में लांच हो गई हैं। लगभग सभी मॉडल की गाडिय़ां डीलरों के यहां उपलब्ध हैं। लेकिन चार-पांच दिनों से बिक्री में तेजी से गिरावट हुई है। यही स्थिति रही तो 31 तक स्टॉक खत्म होना मुश्किल है।

- विशाल श्रीवास्तव, एसपी मार्ग स्थित एक एजेंसी के सेल्स मैनेजर


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