Coronavirus से संक्रमित यह महिला सात अन्य बीमारियों से भी पीडि़त थी, डॉक्टरों ने दी नई जिंदगी Prayagraj News
उसने घर लौटने की आस भी छोड़ दी थी। ठीक होकर घर जाते समय भी उसकी आंखों में आंसू तो थे मगर नई जिंदगी मिलने पर खुशी के।
प्रयागराज, जेएनएन। डॉक्टर साहब आप भगवान का अवतार हैं। आप अगर न होते तो इसकी जिंदगी नहीं बच पाती...। यह कुछ ऐसे लब्ज हैं, जो दिल से निकले। जी हां कुछ अपवादों को अगर छोड़ दिया जाए तो चिकित्सक ऐसा कुछ कर जाते हैं, जिससे लोगों का उन पर विश्वास और बढ़ जाता है और वह यही कहते हैं कि वास्तव में धरती के भगवान डॉक्टर ही हैं। इस महिला में कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ ही सात और बीमारी भी थी लेकिन डॉक्टरों ने उसे नया जीवन दिया।
महिला को ठीक करने की डीएम की ओर से डॉक्टरों को चुनौती थी
यह मामला था दृढ़ आत्मविश्वास का, कड़े परिश्रम का और जिलाधिकारी की तरफ से मिली चुनौती को स्वीकार करने का। जी हां, मऊआइमा की कोरोना संक्रमित महिला की कहानी पढ़ लीजिए। जो कोरोना समेत आठ तरह की बीमारी के साथ आंखों में आंसू लेकर स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) पहुंची थी। उसने घर लौटने की आस भी छोड़ दी थी। ठीक होकर घर जाते समय भी उसकी आंखों में आंसू तो थे मगर नई जिंदगी मिलने पर खुशी के।
कोरोना संक्रमित महिला इन बीमारियों से जूझ रही थी
मऊआइमा की 24 वर्षीय महिला में 15 जून को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई। अस्पताल में भर्ती कराया गया तो पता चला कि वह कोरोना के अलावा सात अन्य बीमारियों से भी पीडि़त है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि महिला का ब्लड प्रेशर लो था। हीमोग्लोबिन 3.2, प्लेटलेट 75 हजार, बिलुरिबिन 8.9 और सीरम क्रिटनिन 2.7 था। अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला कि उसके लीवर में इन्फेक्शन थौ। किडनी भी ठीक से काम नहीं कर रही थी।
डीएम ने कहा था, अगर महिला को बचा लिया तो उपलब्धि होगी
महिला की हालत की जानकारी डीएम भानुचंद गोस्वामी को दी गई। इस पर उन्होंने महिला की जान बचाने की चुनौती डॉक्टरों के सामने रख दी। डीएम ने कहा, अगर महिला को बचा लिया तो यह आपकी उपलब्धि होगी। इस पर प्राचार्य ने डॉक्टरों की टीम लगा दी। मरीज को तत्काल दो यूनिट ब्लड चढ़ाया और ऑक्सीजन लगाकर इलाज शुरू कर दिया। 10वें दिन महिला ने कोरोना महामारी को मात दे दिया और गुरुवार को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। महिला का इलाज करने वाली टीम में डॉ. एके श्रीवास्तव, डॉ. मोहित जैन, डॉ. नीलम सिंह, डॉ. सुजीत वर्मा, डॉ. रामसिया सिंह, डॉ. वीके राव, डॉ. राजपाल प्रजापति, डॉ. वीके पांडेय और डॉ. संतोष सिंह शामिल थे।