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नॉनकोविड मरीजों को वार्ड से जबरन डिस्चार्ज कर रहे डाक्टर, प्रयागराज में डाक्टरों के रवैए से बढ़ रही नाराजगी

कोरोना वायरस की वजह से मची अफरातफरी के बीच सरकारी अस्पतालों में भर्ती दूसरे रोगियों की फजीहत हो गई है। उन्हें इलाज पूरा किए बिना ही डिस्चार्ज किया जा रहा है। दिक्कत यह है कि अधूरे इलाज में कराहते मरीजों को लेकर स्वजन कहां जाएं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 08:00 AM (IST)
नॉनकोविड मरीजों को वार्ड से जबरन डिस्चार्ज कर रहे डाक्टर, प्रयागराज में डाक्टरों के रवैए से बढ़ रही नाराजगी
रोगियों की फजीहत हो गई है। उन्हें इलाज पूरा किए बिना ही डिस्चार्ज किया जा रहा है

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस की वजह से मची अफरातफरी के बीच सरकारी अस्पतालों में भर्ती दूसरे रोगियों की फजीहत हो गई है। उन्हें इलाज पूरा किए बिना ही डिस्चार्ज किया जा रहा है। दिक्कत यह है कि अधूरे इलाज में कराहते मरीजों को लेकर स्वजन कहां जाएं। निजी अस्पतालों में भी इलाज और किसी को भर्ती करा पाना आसान नहीं रह गया है। मरीजों के स्वजन में डाक्टरों के रवैए से आक्रोश है।

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अधूरे इलाज में मरीजों को कहां ले जाए परिवार के लोग

मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (काल्विन अस्पताल) में आकस्मिक वार्ड में भर्ती ग्राम हरहाई चरवा कौशांबी निवासी बच्चालाल राजकिशोर पांडेय को सोमवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। उनके दाहिने पैर की हड्डी में फ्रैक्चर है। उनकी पत्नी ने आक्रोश जताते हुए कहा कि नौ दिन हो गए भर्ती हुए। इलाज आधा ही किया। अब हम अपने पति को लेकर कहां जाएं। बताया कि इतने दिनों से भर्ती हैं डाक्टर कभी कभार ही देखने आए। बस यहां तो यही हाल है खाओ-पियो-सो। 


हड्डी जोड़ी नहीं और कर दिया डिस्चार्ज

इसी वार्ड में भर्ती बनकट बरौत निवासी आदित्यनाथ शर्मा के दामाद प्रशांत शर्मा दैनिक जागरण से समस्या बताते-बताते बिफर पड़े। कहा कि उनके श्वसुर का कूल्हा टूटा है। नौ दिन में इलाज ढेला भर नहीं किया गया। अब डिस्चार्ज कर दिया। प्रशांत का कहना था कि ऐसी हालात में उन्हें लेकर कहां जाएं। आक्रोश जताते हुए कहा कि वे अस्पताल के इस रवैए की शासन में ट्विटर के जरिए शिकायत करेंगे। 


बीमारी ठीक नहीं और कह दिया जाओ

अस्पताल के मेल मेडिकल वार्ड में बेड संख्या एक पर भर्ती चकिया निवासी विमला देवी को गैस की समस्या है। पति अमृतलाल ने कहा कि तीन दिनों से केवल वार्ड ब्वाय और सिस्टर ही आ रहे हैं। डाक्टर नहीं दिखे। सोमवार को एक डाक्टर कुछ पलों के लिए। उनसे कुछ कहना चाहा लेकिन बिना सुने ही चले गए। एक अन्य वार्ड में भर्ती तिलखवार करछना निवासी राजकुमारी की समस्या भी कुछ ऐसी ही थी। उनके पति जीतलाल विश्वकर्मा ने आक्रोश जताया।

किसी को वार्ड से जबरन डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है। हमारे कई डाक्टर व चिकित्सा स्टाफ कोविड पॉजिटिव हो गए हैं। फिर भी चिकित्सा व्यवस्था कहीं से बाधित नहीं होने दे रहे हैं।

डा. सुषमा श्रीवास्तव, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, कॉल्विन अस्पताल


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