डॉ. किरन आचार्य अब कहलाएंगी श्रीमहंत हरिसिद्धि गिरि मां Prayagraj News
लखनऊ के गोमती नगर की रहने वाली डॉ. किरन आचार्य को जूना अखाड़ा ने प्रयाग पीठाधीश्वर की पदवी ग्रहण कराई है। उनका नया नाम अब श्रीमहंत हरिसिद्धि गिरि मां होगा।
प्रयागराज, जेएनएन। धर्म अध्यात्म के जरिए 20 साल से समाजसेवा कर रहीं डॉ. किरन आचार्य अब श्रीमहंत हरिगिरि सिद्धि मां कहलाएंगी। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ने सभी रस्में पूरी कर लेने के बाद उन्हें श्रीमहंत की उपाधि दी। उन्हें प्रयागपीठ पीठाधीश्वर बनाया गया है।
दिव्यांग संत डॉ. किरन आचार्य को जूना अखाड़ा में श्रीमहंत की पदवी मिली
लखनऊ में विश्वास खंड गोमती नगर निवासी दिव्यांग संत डॉ किरन आचार्य को जूना अखाड़ा में श्रीमहंत की पदवी देने की तीन दिनी प्रक्रिया हुई थी। संगम पर मुंडन, पिंडदान और 10 विधि स्नान के बाद विजयाहोम सहित अन्य अनुष्ठान संपन्न हुए थे। रस्म पूरी होने पर उन्हें मौजगिरि मंदिर में विशेष पूजा के बाद श्रीमहंत की उपाधि दी गई, साथ ही उनका नया नामकरण भी हुआ। जूना अखाड़ा के संरक्षक हरिगिरि ने उन्हें नया नाम दिया। स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने अंगवस्त्रम ओढ़ाकर उपाधि देने के विधान का निर्वहन किया। फिर उन्हें प्रयाग पीठाधीश्वर घोषित किया गया।
यह विशिष्टजन भी रहे मौजूद
उपाधि दिए जाने के समय जूना अखाड़ा के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि जी, निर्वाणी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास, श्रीमहंत यमुनापुरी, महानिर्वाण अखाड़ा के श्रीमहंत पुष्कर गिरिजी, ब्रम्हऋषि तक्षकतीर्थ महाराज रविशंकरजी, देवानंद त्रिपाठी, मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, डीआइजी केपी सिंह तथा माता हरिसिद्धि गिरि के शिष्य की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही।