Pradhanacharya Parishad की प्रयागराज इकाई के परामर्शी पद से डाक्टर बृजेश शर्मा हटाए गए, यह है आरोप
प्रधानाचार्य परिषद प्रयागराज इकाई के जिलाध्यक्ष सभापति तिवारी ने बताया कि बृजेश शर्मा पर गलत लोगों को संरक्षण देने 2016 से अब तक प्रदेश सदस्यता शुल्क जमा न करने परिषद में नियम विरुद्ध काम करने जैसे कई आरोप लगाए गए थे। इसलिए परामर्शी पद से उन्हें हटाया गया।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सेवा समिति विद्या मंदिर इंटर कालेज प्रयागराज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य बृजेश शर्मा को प्रधानाचार्य परिषद की जिला इकाई के परामर्शी पद से बर्खास्त कर दिया गया है। यह निर्णय प्रयाग महिला विद्यापीठ इंटर कालेज में बुलाई गई जिला कार्यसमिति की आपात बैठक में लिया गया। उन पर कई आरोप हैं। स्पष्टीकरण भी उनसे कई बार मांगा गया लेकिन फिर भी कोई जवाब नहीं दिया।
कार्यवाहक प्रधानाचार्य पर यह आरोप हैं
प्रधानाचार्य परिषद प्रयागराज के जिलाध्यक्ष सभापति तिवारी ने बताया कि बृजेश शर्मा पर गलत लोगों को संरक्षण देने, 2016 से अब तक प्रदेश सदस्यता शुल्क जमा न करने, परिषद में नियम विरुद्ध काम करने जैसे कई आरोप लगाए गए थे। कई बार स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद भी उन्होंने कोई जबाब नहीं दिया। यह कार्रवाई प्रदेश महामंत्री व प्रदेश कोषाध्यक्ष की रिपोर्ट व जिला कार्यसमिति के सदस्यों की राय पर की गई है। बैठक में जिलाध्यक्ष सभापति तिवारी, कार्यकारी अध्यक्ष डा. सुषमा त्रिपाठी, जिला कोषाध्यक्ष दीपक पांडेय आदि मौजूद रहे।
शिक्षकों के हित के साथ कोई समझौता नहीं : डा. ज्ञान प्रकाश
वैचारिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिशन के पदाधिकारियों की आनलाइन बैठक आयोजित हुई। इसमें एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डा. ज्ञान प्रकाश ने कहा कि शिक्षकों के हित की लड़ाई जारी रहेगी। सभी शिक्षकों को भी चाहिए कि वह अपने कार्य को पूरे मनोयोग से करें। लंबे अंतराल पर विद्यालय खुले हैं। कक्षाएं भी भौतिक रूप से लगने लगी हैं। ऐसे में शिक्षकों का दायित्व है कि वह अपने कार्य को बेहतर ढंग से करें। यदि कहीं पर ऐसे मामले प्रकाश में आते हैं जिसमें शिक्षकों को परेशान किया जाता है। अनावश्यक रूप से दबाव बनाया जाता है तो संगठन उसके लिए आवाज उठाएगा। विभागीय अफसरों तक बात पहुंचाई जाएगी।
अध्यापक अपने कार्य में कोताही न करें
डा. ज्ञान प्रकाश ने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि अध्यापक अपने कार्य में कहीं भी कोताही न करें। आखिर शिक्षक ही नौनिहालों के भविष्य निर्माता हैं। जिस तरह से वह अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर सजग रहते हैं ठीक उसी तरह अपने विद्यालयों के बच्चों को भी पठन-पाठन से जोड़ें। उन्हें सभी आधुनिक जानकारी दें। यह उनका दायित्व होने के साथ सच्ची राष्ट्रसेवा होगी।