Diwali 2021: चलो इस दीपावली पर्व पर जलाएं एक ग्रीन पटाखा, सेहत का भी रख लें ख्याल
Diwali 2021 ग्रीन पटाखे दरअसल राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान यानी नीरी ने खोजे थे। ये पारंपरिक पटाखों जैसे ही आवाज व रोशनी करते हैं लेकिन इनसे प्रदूषण कम होता है। सामान्य पटाखों की तुलना में इनसे उत्सर्जित होने वाली गैस करीब 50 फीसद कम हानिकारक होती है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सुख, समृद्धि और प्रकाश का पर्व दीपावाली हर किसी के मन में उत्साह और उमंग भर देता है। हालांकि इस पर्व पर होने वाली आतिशबाजी सेहत के लिए खतरनाक भी होती है। पटाखों से निकलने वाली विभिन्न गैसें और धुआं इतना नुकसानदायक होता है कि इससे आंखों की बीमारी, त्वचा रोग यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है। सरकार ने ग्रीन पटाखे की परिकल्पना भी इसीलिए की है ताकि वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। साथ ही आमजन को बीमारियां होने की संभावना भी कम रहे।
जानें, क्या होते हैं ग्रीन पटाखे
ग्रीन पटाखे दरअसल राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान यानी नीरी ने खोजे थे। ये पारंपरिक पटाखों जैसे ही आवाज व रोशनी करते हैं लेकिन इनसे प्रदूषण कम होता है। सामान्य पटाखों की तुलना में इनसे उत्सर्जित होने वाली गैस करीब 50 फीसद कम हानिकारक होती है। इन पटाखों से गैस का उत्सर्जन कम भी होता है।
ग्रीन पटाखों के केमिकल से गैस कम निकलती है : डाक्टर राजेश
काल्विन अस्पताल के डाक्टर राजेश श्रीवास्तव कहते हैं कि सामान्य पटाखों से नाइट्रोजन और सल्फर गैस निकलती है, ग्रीन पटाखों में जो केमिकल इस्तेमाल होते हैं उनसे यह गैसें कम निकलती हैं। इससे लोगों की सेहत पर गैस और धुएं का विपरीत असर कम पड़ता है।
पटाखों के धुआं से होती है बीमारी
डा. राजेश श्रीवास्तव कहते हैं कि दीवाली पर लोग घरों से लेकर बाहर रोड पर भी खूब आतिशबाजी करते हैं। वातावरण में हर जगह धुआं हो जाता है। यह मुंह, नाक व आंख के जरिए शरीर में भीतर प्रवेश करता है। बच्चे पटाखे जलाते समय हाथ धोए बिना कुछ न कुछ खाते भी रहते हैं। इससे पटाखों के रैपर पर लगे हानिकारक मसाले शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे अनेक बीमारियां हो जाती हैं। धीरे-धीरे करके यह कैंसर या त्वचा रोग में बदल जाती हैं।
सावधानी बरतें, सुरक्षित रहें : सीएमओ
प्रयागराज के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा. नानक सरन कहते हैं कि दीवाली का त्योहार निकट आ गया है। इन दिनों कोरोना संक्रमण का खतरा भी कायम है। इसलिए त्योहार पर लोग कोविड नियमों का पालन करें और पटाखों की निकलने वाली गैस व धुएं से भी सावधान रहें। कहा कि त्याेहार को हर्षोल्लास से मनाएं लेकिन अपनी सेहत के प्रति भी फिक्रमंद रहना सभी की जिम्मेदारी है।