सरकार की महात्वाकांक्षी परियोजनाओं में शामिल रिंग रोड के रकबा निर्धारण में गड़बड़ी Prayagraj News
रिंग रोड के रकबा निर्धारण में तीन अफसर छह कानूनगो व 15 लेखपालों की लापरवाही सामने आई है। फिर से निर्धारण का काम शुरू हुआ। वहीं जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द होगी।
प्रयागराज, जेएनएन। सरकार की महात्वाकांक्षी परियोजनाओं में शामिल रिंग रोड के रकबा निर्धारण में गड़बड़ी का मामला पकड़ में आया है। इसमें तीन अधिकारियों, छह राजस्व निरीक्षकों व 15 लेखपालों की लापरवाही सामने आई है। अब रकबा निर्धारण का कार्य फिर से शुरू कराया गया है। जल्द ही इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।
73 गांवों में पिछले दिनों रकबा का निर्धारण किया गया था
यह रिंग रोड करछना के 19, फूलपुर के 20, सदर के 21, सोरांव के 11 तथा बारा व हंडिया के एक-एक गांव से होकर गुजरेगी। इसके लिए सभी 73 गांवों में पिछले दिनों रकबा का निर्धारण किया गया था। इसमें व्यापक गड़बड़ी पकड़ी गई। इसके बाद उस रकबा निर्धारण को निरस्त करते हुए आनन-फानन में फिर से रकबा निर्धारण का कार्य शुरू करा दिया गया। इस बार छह तहसीलों के 30 लेखपाल, 12 राजस्व निरीक्षक तथा 12 अफसर लगाए गए हैं। प्राथमिकता के आधार पर रकबा निर्धारण का कार्य इसी हफ्ते पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए जिले के दो अफसरों को मॉनीटरिंग के लिए लगाया गया है।
अहम आंकड़े
-06 तहसीलों के 73 गांवों से होकर गुजरेगी इनर ङ्क्षरग रोड
-98 किमी की रिंग रोड शहर के बाहरी इलाके में बनाई जाएगी
-05 हजार करोड़ रुपये की लागत का है प्रोजेक्ट, तीन पुल भी बनेंगे
-04 गुना ज्यादा सर्किल रेट से जमीन का काश्तकारों को होगा भुगतान
-4.5 हजार किसानों की जाएगी भूमि, जल्द जारी किया जाएगा नोटिस
-03 साल के अंदर इस परियोजना को पूरा करने का है लक्ष्य
जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों को भेजी जाएगी नोटिस
जमीन अधिग्रहण के लिए जल्द ही किसानों को नोटिस भेजी जाएगी। इस परियोजना में लगभग साढ़े चार हजार किसानों की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
रिंग रोड के लिए 30 किमी सड़क बन चुकी है
लगभग 98 किमी की प्रस्तावित इस रिंग रोड के लिए तकरीबन 30 किमी की सड़क पहले से ही बनी है, जिसका रंगरोगन व चौड़ीकरण होना है। इस रिंग रोड पर तीन बड़े पुल व 38 पुलिया भी बनाई जाएगी। दो पुल गंगा पर तथा एक यमुना नदी पर बनेगा। इसके निर्माण से शहर ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाके के लोगों को भी सहूलियत होगी। आसपास के जिलों व राज्यों के लोगों को भी आवागमन में सुविधा मिलेगी।