वेबिनार में स्वामी विवेकानंद के शैक्षिक जीवन पर चर्चा Prayagraj News
वेबिनार के प्रथम सत्र में श्रद्धा गुप्ता माधुरी श्रीवास्तव एवं कुसुम श्रीवास्तव ने स्वामी विवेकानंद द्वारा प्रतिपादित शैक्षिक मूल्यों एवं उनकी दार्शनिक दृष्टि का विशेष संदर्भ में प्रस्तुतीकरण किया। वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति 2020 को स्वामी विवेकानंद के विचारों से ओत-प्रोत सिद्ध किया।
प्रयागराज, जेएनएन। महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर समिति के तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शैक्षिक दर्शन पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रधानाचार्य अल्पना डे ने स्वामी विवेकानंद एवं डॉ. राधाकृष्णन के शैक्षिक विचारों पर प्रकाश डाला।
वेबिनार के प्रथम सत्र में श्रद्धा गुप्ता, माधुरी श्रीवास्तव एवं कुसुम श्रीवास्तव ने स्वामी विवेकानंद द्वारा प्रतिपादित शैक्षिक मूल्यों एवं उनकी दार्शनिक दृष्टि का विशेष संदर्भ में प्रस्तुतीकरण किया। वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति 2020 को स्वामी विवेकानंद के विचारों से ओत-प्रोत सिद्ध किया। इसमें छात्र अपनी शिक्षा अपनी मातृभाषा में ग्रहण कर विषय को केवल मानसिक स्तर पर ही नहीं वरन हृदय में आत्मसात कर सकेंगे। वक्ताओं ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने व्यक्ति के संर्पूण विकास को शिक्षा का उद्देश्य माना है। ठीक वैसे ही इस नई शिक्षा नीति से भी ग्राहय होगा।
वेबिनार के द्वितीय सत्र में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर अपने विचारों को स्पष्ट किया। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल सफल जीवन जीना ही नहीं बल्कि हमें मानवता की उन नैतिक जड़ों को याद करना चाहिए जिनसे अच्छी व्यवस्था और स्वतंत्रता दोनों बनी रहे। डॉ. राधाकृष्णन के शैक्षिक विचार नई शिक्षा नीति में भी प्रासंगिक एवं संवेदनशील हैं। वेबिनार की अगली कड़ी में उपरोक्त विषय पर प्रश्नावली पर परिचर्चा का आयोजन हुआ। इसमें नई शिक्षा नीति पर विभिन्न जिज्ञासुओं द्वारा प्रश्न पूछे गए। इसका समुचित उत्तर विद्यालय के विभिन्न शिक्षकों द्वारा दिया गया। इसके बाद सचिव डॉ. कृष्णा गुप्ता ने स्वामी विवेकानंद एवं राधाकृष्णन पर संवेदनशील वक्तव्य से से सबका मार्गदर्शन किया। इस दौरान विद्यालय की समन्वयक रिंकू श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।