परिषदीय स्कूलों के जर्जर भवन ढहाए जाएंगे, प्रयागराज में शुरू हो गई है चिह्नित करने की प्रक्रिया
महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक ने अपने पत्र में कहा है कि जर्जर भवन में विद्यार्थियों का प्रवेश हर हाल में प्रतिबंधित किया जाए। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन का सेफ्टी ऑडिट कराया जाए।
प्रयागराज, जेएनएन। दो दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जर्जर सरकारी भवनों के ध्वस्तीकरण के लिए निर्देशित किया। उसके बाद शिक्षा विभाग भी हरकत में आ गया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक ने पत्र जारी कर सभी जिले के डीएम व जिला शिक्षा परियोजना समिति को निर्देशित किया है कि भवनों का निरीक्षण करें। जो जर्जर हों उन्हें चिह्नित करें। यदि स्कूल का संचालन जर्जर भवन में होता मिले तो तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। प्रत्येक जर्जर भवन का ध्वस्तीकरण कराया जाए।
असुरक्षित भवनों में विद्यार्थियों के प्रवेश न करने का निर्देश
महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक ने अपने पत्र में कहा है कि जर्जर भवन में विद्यार्थियों का प्रवेश हर हाल में प्रतिबंधित किया जाए। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन का सेफ्टी ऑडिट कराया जाए। जर्जर भवन से संबंधित शिक्षक, प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षाधिकारी को प्रत्येक चीज के लिए उत्तरदायी बनाया जाए। पत्र में यह भी निर्देशित है कि यदि भवन की मरम्मत कराना हो तो उसके लिए ग्राम पंचायत व स्थानीय स्रोत का प्रयोग करें। यदि स्थानीय स्तर पर यह संभव न हो तो उसका प्रस्ताव आगणन सहित शासन को भेजें।
बीएसए बोले- जर्जर भवन को चिह्नित करा रहे
बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि काया कल्प योजना के तहत परिषदीय स्कूलों की स्थिति में सुधार किया जा रहा है। जिले भर में अब तक 389 भवनों को जर्जर के रूप में चिह्नित किया गया था। इनमें से 282 स्कूल भवन ध्वस्त कराए जा चुके हैं। शेष 107 भवन को पीडब्ल्यूडी विभाग ने ध्वस्त करने योग्य नहीं माने। उनके मरम्मतीकरण की प्रक्रिया चल रही है। दूसरे चरण में जनवरी के अंत तक फिर जिले के जर्जर भवन वाले स्कूल चिह्नित कर लिए जाएंगे। इनके ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया भी मार्च के अंत तक पूरी कर ली जाएगी।