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अखंड भारत निर्माण को एकजुट हों धर्माचार्य : वासुदेवानंद

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जगदगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने धर्मोचायों कीएकता पर जोर दिया हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Dec 2021 01:05 AM (IST)Updated: Sat, 18 Dec 2021 01:05 AM (IST)
अखंड भारत निर्माण को एकजुट हों धर्माचार्य : वासुदेवानंद
अखंड भारत निर्माण को एकजुट हों धर्माचार्य : वासुदेवानंद

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जगदगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने अखंड भारत निर्माण करने के लिए धर्माचायरें की एकजुटता पर जोर दिया है। अलोपीबाग स्थित शकराचार्य आश्रम में चल रहे नौ दिवसीय आराधना महोत्सव के अंतिम दिन शुक्त्रवार को उन्होंने कहाकि सनातन धर्म सबके हित की चिंता करता है, कल्पना में भी हम किसी का अहित नहीं करते। हमारी इस विनम्रता का विदेशी आक्त्राताओं ने गलत फायदा उठाया था। हमारी परंपरा, संस्कृति व सभ्यता को खंडित करने के लिए मतातरण कराने के साथ धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया।

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उन्होंने कहा कि कई हिस्सों में विभाजित भारत को अखंड बनाने में धर्मगुरुओं की भूमिका निर्णायक है। इसके लिए सबको एकजुट होना चाहिए। अखिल भारतीय संत समिति राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहाकि जिनकी परंपराएं होती हैं, वो उसकी रक्षा के लिए उत्सव-महोत्सव का आयोजन करते हैं। वहीं, जिनकी कोई परंपरा ही नहीं है, वो धर्म व देश के लिए घातक हैं। यह बात गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है। विघटनकारी तत्वों को समाज से अलग करने की जरूरत है, तभी धर्म व राष्ट्र की रक्षा हो सकेगी। स्वामी श्रवणनंद ने श्रीमद्भागवत के ज्ञान को आत्मसात करने को प्रेरित किया। अध्यक्षता कर रहे उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. जीसी त्रिपाठी ने कहाकि ऋषि-मुनियों ने जीवन को प्रयोगशाला माना था। इसके तहत सामाजिक, राजनीतिक व वैज्ञानिक जीवन की संरचना की है। आज जरूरत है उस ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने की। कार्यक्त्रम में स्वामी विनोदानंद, स्वामी अद्वैतानंद, आत्मानंद ब्रह्मचारी, ओंकारनाथ त्रिपाठी, विशुद्धानंद, मधु चकहा, स्वामी श्यामानंद आदि मौजूद रहे।

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सम्मानित हुए विशिष्टजन

जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने समाज के विशिष्टजनों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. एसपी सिंह, पूर्व कुलपति प्रो. राजाराम यादव, डा. शिवार्चन प्रसाद उपाध्याय, आचार्य राजनारायण त्रिपाठी, फूलचंद्र दुबे, रामनरेश तिवारी <स्हृद्द-क्तञ्जस्>पिंडीवासा', जनार्दन मिश्र शामिल हैं।

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चोटी प्रतियोगिता में दिनकर प्रथम

आराधना महोत्सव में चोटी सम्राट प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इसमें दिनकर ने प्रथम, आकाश शर्मा ने द्वितीय व विनय कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इनके अलावा 10 छात्रों को पुरस्कार मिला। पूर्व चोटी सम्राट आचार्य विपिन मिश्र का रिकार्ड कोई नहीं तोड़ सका।


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