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DFC Control Room: कोयला, लौह एवं स्टील, पेट्रोलियम पदार्थों और खाद्यान्न की ढुलाई होगी आसान

DFC Control Room न्यू खुर्जा से न्यू भाऊपुर तक 351 किलोमीटर का ट्रैक 5750 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है।इस कॉरिडोर पर मालगाड़ियां औसत 60 से 70 किमी प्रति घंटा की गति से चलेगी। कोयला लौह एवं स्टील पेट्रोलियम पदार्थों और खाद्यान्न की धुलाई होगी आसान।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 10:25 AM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 10:25 AM (IST)
DFC Control Room: कोयला, लौह एवं स्टील, पेट्रोलियम पदार्थों और खाद्यान्न की ढुलाई होगी आसान
पूरा रेल ट्रैक इलेक्ट्रिक है तो प्रदूषण नहीं होगा।

प्रयागराज, जेएनएन। मालवाड़ा के क्षेत्र में क्रांति लाने वाली डीएफसी के कंट्रोल रूम और 351 किलोमीटर रेल ट्रैक का सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल शुभारंभ करेंगे। प्रयागराज के सूबेदारगंज में स्थित कंट्रोल रूम लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक मालगाड़ी का संचालन करेगा। इस पूरे ट्रैक का अभी केवल एक हिस्सा खुर्जा से भाऊपुर तक ही बना है। इस हिस्से पर मालगाड़ी के संचालन को आज प्रधानमंत्री मोदी हरी झंडी दिखाएंगे। जून 2022 तक पूरा ट्रैक बन जायेगा तो कंट्रोल रूम पूरी क्षमता से चलेगा।

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आप भी जानें विशेषताएं

- न्यू खुर्जा से न्यू भाऊपुर तक 351 किलोमीटर का ट्रैक 5750 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है।

- इस कॉरिडोर पर मालगाड़ियां औसत 60 से 70 किमी प्रति घंटा की गति से चलेगी। अभी मालगाड़ी की औसत गति 25 से 30 किमी प्रति घंटा है।

- कोयला, लौह एवं स्टील, पेट्रोलियम पदार्थों और खाद्यान्न की धुलाई होगी आसान।

- नॉन स्टाफ संचालन के लिए इस रूट पर बनाये गए 19 बड़े पुल और 414 छोटे पुल और सात फ्लाईओवर

- इसके बनने से मेन लाइन पर कम होगा दबाव।

- अभी कानपुर और दिल्ली ट्रैक पर कम हुआ दबाव। सवारी गाड़िया चलेंगी समय से।

- देश के एक कोने से दूसरे कोने तक माल पहुंचाना आसान होगा।

- समुद्री मार्ग से जहाज के जरिए विदेश से कोलकाता आया माल दानकुनी से लादकर देश के उत्तरी छोर लुधियाना तक पहुंचा जा सकता है।

- पूरा रेल ट्रैक इलेक्ट्रिक है तो प्रदूषण नहीं होगा।

- सड़क पर मालभाड़ा का दबाव कम होगा।

- मालभाड़ा सस्ता हो सकता है।

इन खास बातों पर भी डालें एक नजर

- लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक ईस्टर्न डीएफसी की कुल लंबाई 1875 किलोमीटर।

- ईस्टर्न डीएफसी लुधियाना से शुरू होकर अंबाला, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, खुर्जा, अलीगढ़, इटावा, कानपुर, प्रयागराज, मुगलसराय, सोननगर, गोमोह, अंडाल, दानकुनी तक रहेगा।

छह चरण में हो रहा है काम

- खुर्जा से भाऊपुर - 351 किलोमीटर (बन चुका है)।

- भाऊपुर से मुगलसराय - 402 किलोमीटर।

- मुगलसराय से सोन नगर - 137 किलोमीटर।

- सोन नगर से दानकुनी - 538 किलोमीटर (पीपीपी मोड पर)।

- खुर्जा से दादरी - 46 किलोमीटर।

- खुर्जा से पिलखानी - 222 किलोमीटर।

- पिलखानी से लुधियाना - 179 किलोमीटर।


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