शंकरगढ़ में भक्तों ने आस्था के साथ प्रतिमा का किया विसर्जन
नगर पंचायत शंकरगढ़ सहित ग्रामीणांचल में शारदीय नवरात्र के अवसर पर पंडालों में स्थापित मां दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन भक्तों ने गाजे बाजे के साथ नाचते गाते हुए किया।
शंकरगढ़ : नगर पंचायत शंकरगढ़ सहित ग्रामीणांचल में शारदीय नवरात्र के अवसर पर पंडालों में स्थापित मां दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन भक्तों ने गाजे बाजे के साथ नाचते गाते हुए किया।
नगर पंचायत के हाथीगली में डा.बंगाली व गुड़िया तालाब मुहल्ले में मानवाधिकार अध्यक्ष सुशील पांडेय के आवास पर स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा, मोदी नगर, पटेल नगर, रानीगंज रोड, पटहट रोड अंकुश केसरवानी, शिवराजपुर, बेनीपुर, रानीगंज, कल्यानपुर, मिश्रापुरवा, भडिवार, नौढ़यिा, बसहरा उपरहार आदि स्थानों पर स्थापित मां दुर्गाजी की प्रतिमाएं स्थापित की गयी थी। जिनका सोमवार को गाजे बाजे के साथ विसर्जन यात्रा निकालकर नाचते गाते हुए मां के जयकारे के साथ भक्तों ने सूती बंधा, बघला बांध तथा दुर्गा पंडालों के आस पास जलाशयों में विसर्जन किया। विसर्जन यात्रा में सभासद रानी पांडेय, सुशील पांडेय, हेमराज जादूगर, विनय कुमार, संतोष त्रिपाठी, विन्नू द्विवेदी, जय, राजकुमार विश्वकर्मा, देवेन्द्र वर्मा, सौरभ राय, दीपेन्द्र वर्मा, सौरभ राय, गौरव, अवधेश, प्रांजल, प्रिस, बबलू द्विवेदी, जयप्रकाश, सूरज, सत्यम, विकास, अंकित, अंकुर आदि रहे। मेजा में विसर्जन के दौरान देवी गीतों पर झूमे भक्त
मेजा : क्षेत्र में सोमवार सुबह से प्रारंभ हुआ दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन का दौर देर शाम तक चलता रहा। जिसमें बड़ी संख्या में भक्त गीतों पर झूमते नाचते माता की प्रतिमा को तालाब व नदियों में विसर्जित किया। डीजे की धुन व पारंपरिक शक्ति गीतों ने माता भक्तों में ऐसा जादू चलाया कि भक्त झूमने पर विवश हो गए। कोरोना काल के चलते इस नवरात्र में सीमित संख्या में दुर्गा प्रतिमाएं विराजमान थी। क्षेत्र की कुछ मूíतयों का विसर्जन रविवार को नवमी पर हुआ तो कुछ प्रतिमाओं का सोमवार को हुआ। इसी क्रम में सोरांव गांव के रेलवे स्टेशन नवयुवक दुर्गा कमेटी का विसर्जन सोमवार को धूमधाम से किया गया। जिसमें भारी संख्या में मौजूद महिलाओं बच्चों ने भक्ति गीतों की धून पर थिरकते हुए पूजन-अर्चन कर माता भक्तों ने नम आंखों से विदाई दी। इसी प्रकार से मेजा खास, मेजा रोड, कोहड़ार बाजार, रामनगर बाजार, सिरसा बाजार में माता के अंतिम दर्शन के लिए लोग घरों से निकल पड़े कमेटी के सदस्यों के द्वारा लोगों को प्रसाद स्वरूप हलुआ व चना वितरित किया गया। नौ दिन दुर्गा प्रतिमा को पूरे विधि विधान से पूजा करने के बाद विसर्जन का सिलसिला शुरू हुआ। कोरोना महामारी के चलते क्षेत्र में बहुत ही कम स्थानों पर दुर्गा माताएं स्थापित की गई थी। यह पहला वर्ष होगा जिसमें दुर्गा उत्सव को लेकर लोगों ने उत्साह व उमंग को त्याग करते हुए बहुत ही सरल और सादे तरीके से इस पर्व को मनाया।